Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૪૫૪
८०७,८९७,९६५, १०६७:
नाया. ६१:
उब. १९,४९; सूर. ११;
गच्छा. ७८:
अनुओ. १६१ : उदयंत [उदयत्] उन्नत थवं ते, उत्पन्न थवं ते
पण्हा. ८:
पन्न. ५३६,५३९:
चंद. १५:
उत्त. ८९४;
भग. ६९;
उदयचर (उदकचर] पाएगी मां रहेनार
आया. १९०;
उदयट्ठि [उद्यार्थिन] उध्यनो अभिलाषी
सूय. ७५६,७५७; उदयणसत्त [उदयनसत्त्व ] हेनुं सत्व उध्य पाभी રહેલ છે તે
ठा. ४९०;
उदयनिप्पन्न [उदयनिष्पन्न] अर्मना अध्यथी निष्पन्न
થયેલ
भग. ६९८,८९७;
उदयपत्त [उदयप्राप्त] उध्य पाभेल
अनुओ. १६३:
पण्हा. ४५ :
उब. १९;
उदयसंठिति [ उदयसंस्थिति ] सूर्यना अध्यनी
સંસ્થિતિ
सूर. ११,१३; चंद. १५,१७: उदयसीम [ उदकसीमन्] सव। समुद्रमां उत्तर દિશાએ આવેલા એક આવાસ પર્વત
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सूय. ३२८, ४०४,६४५.६६५: उवा. ३३:
पण्हा. १६ :
जीवा. १८५:
निसी. ४८२;
अनुत्त. १०:
आगमस
विवा. ७;
निर. १०:
दस. ४६;
अनुओ. २४९;
ocracht (361/ami) sıng, sag
निर. १०; उदरवलीमंस [ उदरावलीमांस] अणमनुं मांस निर. १०:
उदरि [उदरिन्] ४जोहरनो रोगी
Q
आया. १९०, ४७०;
पण्हा. ४५; उदहि [ उदधि] समुद्र, धनोद्दधि, भवनयति हेवनी એક જાતિ
ठा. ५१:
पन्न. १९१,३०७.३२८: देविं. ४८;
सम. ११९:
अनओ. १५०;
उदयानंतरपच्छाकड [उदयानन्तरपश्चात्कृत ] पण उदहिकु मारिंद [ उदधिकुमारेन्द्र ] ७६ धिङ्गुभार કરાયેલ, તાપક્ષેત્ર देविं. १७:
ભવનપતિ દેવનો ઇન્દ્ર
भग. ४३;
ठा. ९८ :
उदयि [ उदयिन ] उध्य पाभेल, उगेस
उदहिकुमारी / उदधिकुमारी ] लवनपति हेवनी खेड
જાતિની દેવી
सूय. ३३१;
ठा. ९९,१७६, ३८५, ५४३,७०५,
सम. १५५,२४०;
भग. ३२,७६, १५०, १६०;
पण्हा. १९,२३,३९: उव. २३;
पत्र. २०४, २०७, २१३, २१५, ४२०; जंबू. ३४, २३६;
उत्त. ३२०,१३७६, १३७८, १३८०, १४१७ थी १४१९, १४२३ थी १४२५, १४३५, १६६९;
उदहिकुमार [ उदधिकुमार] भवनपति हेवनी खेड જાતિ
भग. १०६६:
उदर [ उदर] पेट, ४४२
भग. १९९ :
आया. १७,३७१,४००, ४२२,४४०. ४५३. उदहिपइडिय [ उदधिप्रतिष्ठित] घनोहधिसमुद्रना
४०७;
આધારે રહેલ
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भग. १९९,२०१,६९०;
भग. ७६ :
उदहिसनाम [ उदधिसरिसनामन्] सागरोपम -
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