Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
४७५
उल्लविंत उल्लपित] HAL
जीवा. १६७,१६८,१७०.१७३ थी १७५, गच्छा. ६२;
१७७,१७८,१८६,१८७,१९१.२९४ः उल्लविय [उल्लपित] मा
उल्लोय [उल्लोच/छ, यंहरवो उत्त. ५१३:
भग. १४० . सूर. १९७ः उल्लाल [उत् + लालय]ताउनj, Aus जंबू. १४३,२२८,२४४; राय. १२: जंबू. २२७:
| उल्लोयण [उल्लोचना र्शनीय उल्लालिय [उल्लालित]6छोडेर, तulsi
आया. ५२०; निर. १०ः राय. १२ जंबू. २२७ उल्लोल [उद् + लोलय] jh उल्लालेमाण [उल्लालयत्] उनझुंते, ते | आया. ५०६,५२०; निसी. ९३६: अंत. २७: राय. १२:
उल्लोलाव [उद् + लोलय सुंछj जंबू. २२७:
निसी. ९२०; उल्लाव [उल्लाप] वातयीत, प्रत्युत्तर
उल्लोलावेंत [उद्लोलयत्] jija सूय. १८६, ठा. ६८५;
निसी. ९२०; नाया. ३३,५७: तंदु. १४६; उल्लोलेंत [उद्लोलयत्] jwjते अनुओ. ३१६;
निसी. १३६,१४२,१४८,,१७०, १७८, उल्लिय [उल्लिखित] 64 २८
२५३,२५९,२६५,२८७.२९५.४१९, उत्त. ६७८ः
४२५,४३१,४५३,४६१,४८६.४९२. उल्लिहिय [उल्लिखित]ो 6५२'
४९८.५२०,५२८,६६८,६७४,६८०,७०२,
७१०.१००६.१०१२,१०१८,१०४०; नाया. ११,४३; उव. ७: उल्लोइय [उल्लोचित भाटी वगेरेथी भीतन सेपन
उल्लोलेत्ता [उद्लोल्या सुंछीने
आया. ५२०; કરવું તે, ચંદરવો બાંધેલ
उव [उप] २ सम. २३८ भग. ५५२,६२५,६२६;
महाप. २५:
|| उव [उपसभापता, माश्य नाया. २५.२७: पन्न. २०५,२१७: । उल्लोइय [दे. भीतने युनावगेरेथी स३६ ४२वी ते उव. २.२९: . राय. १५,४२:
उवइट्ट [उपदिष्ट] ७५:शेस जीवा. १७५.१७९:
दस. ४५७: उत्त. ४४.१०९४; उल्लोग [उल्लोक ॥सी, छत
उवइय [उपचित युत, उन्नत, मांसस, भीनमा
ઘર કરીને રહેલા એક ઇન્દ્રિય જીવ भग. ५१८,५४९.६१७;
पहा. १९:
उव. १०ः जीवा. १७३.२९४:
जीवा. १८५: जंबू. १२९: उल्लोट्ट [उत् + लुट्भ्रष्ट थर्बु
उवइस [उप + दिश] उपहेश हेवो, शीmaj, पण्हा. २०: उल्लोय [उल्लोक] शुओ उल्लोग'
પ્રતિપાદન કરવું
महाप. ३१: भग. ६३७.६४४:
| उवउजिऊण [उपयुज्य] ७५योगरीने नाया. १२.८६,८९:
पन्न. ४४१.५२८.६०६: राय. १५.२३.२७,३०,३३,३५,३६,४०
|| उवउत्त [उपयुक्त] उपयोग सहित, साक्येत, Jain Education International For Private & Personal Use Only
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an.
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महाप.१२७:

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