Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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પર ૨
आगमसद्दकोसो
नंदी. १४१,१४२; अनुओ. ११०,१११. || १६५,१७४ थी १७६;
१२०,१२५,१३८ थी १४१,१४५: राय. १५,२६,२८: जीवा. १६३ः एगूण [एकोन] मे मोर्छ
जंबू. ८० विवा. ३३;
एजेमाण [आयत्] भावतो एगूणग [एकूनक] मोर्छते.
जंबू. १२९,१३५,१३९; विवा. ३३;
एड [दे.] ५२64j, vivीहे, तxg. एगूणवीसवासपरियाय [एकोनविंशति वर्षपर्याय]| __ राय. ७.१०.७१: जंबू. ७९.२१४; ઓગણીસવર્ષનો પર્યાય
निसी. १९६; वव. २८३;
एडण [दे. त्या वो ते एगरुइया [एकोरुकिका) अंतरद्वीप
नाया. १५९: जीवा. ५३:
एडावण [दे.त्याग ४२वो ते एगूरुय [एकोरुक] अंतरद्वीप
भग. ६५२: जीवा. १४५,१४६, १५०;
एडिजमाण [दे. तस, ५२४वेल एगूरुयदीव [एकोरुकदीप] ७५२'
नाया. १६४ टा. ३२४:
भग. ४४४.४९३; | एडित्ता [दे. त्या ४२वा योग्य एगेदिय एकेन्द्रिय सी एगिंदिय
उव. ४९:
राय. १०ः पन्ढ. १९,२६२
एडेंत दे.] ५२४वतो, त्या तो एगोदग [एकोदक] हुमो एकोदग
निसी. १९६; जीव. २२३:
एडेता [दे. तुमओ एडित्ता एगोरुय (एकोरुक] मे अंतरद्वीप
नाया. १६४: राय.७: जीवा. १४२,१४३ पन्न. १६६;
जंबू. २१४: एगोरुयदीव [एकोरुकदीप] ७५२'
एडेत्ता [एडयित्वाछोडीने, तने जीवा. १४३.१४५:
भग. ११३: एज [एज] वायु, पवन
एडेयव्व [एडितव्य] छोडवा योग्य आया. ५६:
नाया. ११३: एजंत [आयतावतो
एणिजय [एणेयक] ३२संबधि दस. ४३५: उत्त. ३६३ः
ठा. ७३२ः एजमाण [आयत्] आवतो
एणी [एणी] हरिणी ठा. ४५०.४५१:
पण्हा. १९:
उव. १०ः उवा. १७.१८.४६.५५
जीवा. १८५: जंबू. ८१: अंत. १३.२१,३९; विवा. ६,३३,३७:
| एणीयार [एणीचार] ३रि९ो पाना२ . निर. ७.१५.१८:
पण्हा . ८: एजमाण [एजमान भावते
एणेज एणेय हरिएसंबंधि भग. १६०.२२९.५३१.६३९.३५५: - भग. ६४८: विवा. ३२: नाया. २०.५२.५७,५९,६२.६५.६७,८७, || एणेज्जग [एणेयक मो 6५२ ९२.९३,१४८,१५१.१५४,१५९,१६२, भग. ६४८;
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