Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
૫૧૯
जंबू. २२.१३९,१४३,२०६,२४९.२५६ थी || एगल्लविहारसामाचारी [एकलविहारसामाचारी]
२५८,२७३ थी २७६, २८६,२८९,३३८: ।। એકાકી વિહારસમાચારી अनुओ. २७०,२८०,२८२,२८४,२८६, दसा. १४: २९३.२९५,
एगवउ [एकवचस्] में शरीर एगय [एकक] astsी
__पन्न. ३७८ः दस. ४१ थी ४६; उत्त. ७६:
| एगवगड [दे. वाnि एगयओ [एगतस्त रथी
बुह. १०; वव. १५१,१५४,२११: भग. १०२.१३२,३७७,५२५.५२६,५३१. || एगवयण एकवचन] मवयन ५३८,७४४,७६१,७८२,
आया. १३९; ठा. २०७; नाया. १५,३७,५१,५६,७६,८७,९३,९५, ||
पन्न. ३९७ः ११०.१४४,१५८,१६७,१८४;
एगविदु [एकवित्] ४ -संयम 3 भोक्षने उवा. ४४:
जंबू. ८४; बुह. १०.११; वव. १९,६२,११३,
જાણનાર, આત્મજ્ઞ ११८ थी १२६,१५१,१५२:
सूय. ६३२; एगयर [एकतर अनेमांथा में
एगविहि [एकविधि विधि आया. ९९.१९८,२३७;
भग.५०८; महाप. १२०, देविं. ६३: एगसमइय [एकसामायिक में समय संबंधि एगया [एकदा] वत
पन्न. ६१२.६१३: आया. ६४,४४४: सूय. २५०;
एगसमइयट्ठिईय (एकसमयस्थितिक] समयनी दस. १४०: उत्त. ५५;
સ્થિતિવાળા एगराइय [एकरात्रिक] रात रहेनर
अनुओ. १२९,१३१,१३८,२७२, पन्न. १९२: बुह, ८४: | एगसमइयद्वितीय [एकसमयस्थितिका मो ७५२ एगराइया [एकरात्रिकी]पारभी. भिक्षु प्रतिमा पन्न. ३२४, ३८९: सम. २०ः
नाया. ३९, ८०, एगसमयठितीय [एकसमयस्थितिक] हुमो ७५२ उव. १५:
दसा. ४० थी ४७; पन्न. २९६: एगरातिया [एकरात्रिकी]gमो ९५२ | एगसरीरि [एकशरीरिन्] मे शरीर धारी
ठा. १९५: भग, २७, १७२; ठा. ८० वव. २० थी २२,१०५,१०६,१३७; एगसाड [एकशाट] 5 °४ ४९ रामनार दसा. ५२:
आया. २२५,२२९ एगराय [एकगत्र रात्रि
एगसाडिय [एकशाटिक सणंगवस्त्र बुह. ५४ थी ५७; दसा. ४९:
भग १३२.४६०.४६३.६३९ उत्त. ८१. १५१:
नाया. ३०.६४. विवा. ३७. एगलक्रवण (एकलक्षण) मे सक्ष
उवा. १२.२८.३२: राय. ५,५९.७७: सूर. ११५. चंद. ११९:
जंबू. ५६, २२७: एगल्लविहारपडिमा [एकलविहारप्रतिमा] utी || एगसालग [एकशालक] मेsunj વિચરણવિષયક અભિગ્રહ
जीवा. १८०: ठा. ५९२.६९९ वव. २३ थी २५; एगसि [एगदा में वपते
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