Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૪૫૨
आगमसद्दकोसो
जीवा. १८५;
| उदगजोणिय [उदकयोनिक)ीमiत्पनयनार उदंत [उदन्त]ीत, सभायार
જીવ नाया. ९२,१७४ थी १७६:
सूय. ६८६.६८७.६९१: ठा. १८९; उदक [उदक] पाए
उदगणाय [उदकज्ञात 'नयाधम्म' सूत्रनु । राय. १५: जीवा. २३०,
અધ્યયન उदकजोणिय [उदकयोनिको पाएमiत्पनयना२|| सम. ४८; नाया. ३१; જીવ
उदगत्त [उदकत्व] पी५j जीवा. २१९;
सूय. ६८६,६९१; उदग [उदक/पाए
भग. १३७,३१८ जीवा. २१९: आया. ११४ थी ११६,११९.१२६,१९७; || उदगत्ता [उदकत्व] पी५j सूय. ६१,६२,२०७,२१५,२२६,२२८, ठा. १८९; ३०९,३९४ थी ३९६,५२२,६३३,६४०, | उदगदोणि उदकद्रोणि] पाए।यवानुं पास ६४३,६५०,६५२,६६७,६८६,६८७,६९१; आया. ४७२: ठा. १४३,३३३,३८५,३९५,४७५;
उदगदोणी [उदकद्रोणी] सो 6५२ भग. ७६,८७,२२८,२५४.३३३,४२४, ||
भग. ६६३: दस. ३२०; ५९४,६४०.६४२,६४५,७५३: ।
उदगधारा [उदकधारा] पाएगीनी धा। नाया. ३७,७४,८७,९२२.१४३,१४४,
‘नाया. ४६; जंबू. ७७; १४७,१५४,१६४,१६७,१७४ थी १७६,
| उदगपसूय [उदकप्रसूता पाए॥i 6त्पनथये २१०,२११;
- माह उवा. ८: पण्हा. ३६;
आया. ४६३ उव. ३१.४९: राय. २०,४२:
|| उदगपोग्गल [उदकपुद्गल] पाएन। पुलोनो जीवा. १७९,२००,२०२,२८९,२९०,३००:|| जंबू. ४९,६७,७३,८१,९६,१२४,२३९;
સમુ, વાદળું तंदू. ८६:
टा. १८९; निसी. १२७४,१२७५; दसा. ३५;
उदगप्पसूय [उदकप्रसूत] भो उदगपसूय ओह. १०८,२६३; पिंड. २५;
आया. ३९९,४९७,४९८: दस. ४२,१०५,१३३,१५०.३६१;
| उदगबिंदु [उदकबिन्दु लिए उत्त. २०१,२१७,३९८,९११.९१२;
अनुओ. २६५; नंदी. १२० अनुओ. १५९: उदगम्भ [उदगी सो उदगगब्भ' उदगअभिसमन्नागय [उदकअभिसमन्वागत सारी ___ भग. १२४; રીતે જાણેલ પાણી
उदगमच्छ [उदकमत्स्य] इन्द्रधनुषन्नाट सूय. ६४३;
भग. १९४: जीवा. १८५,२८७: उदगगम्भ [उदगगर्भ] पाए ३पे थनार पुल उदगमाल [उदकमाल] 6५२।७५री २३ पानी પરિણાય, પાણીનો ગર્ભ मग. १२४;
जीवा. २२१: उदगजाय [उदकजात) पाएमा ४न्भेटा उदगरयण [उदकरत्न] शुद्ध पाएगी सूय. ६४३;
|| नाया. १४४;
શિખા
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