Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
View full book text
________________
૪૬૬
आगमसद्दकोसो
तंदु. २२:
|| उप्पाइय [औत्पातिक] अस४, अस्वाभावि उप्पलढिय [उत्पलवृन्तिक भजनसिंटनीमिक्षu
ઉત્પાત કરના અનિષ્ટ સૂચક બનાવ લેનાર, ગોશાળકમતનો અનુયાયી
सूय. ५४३: सम. ११०ः उव. ५१:
नाया. १११.१८४: पण्हा. १५: उप्पलहत्थगय [हस्तगतोत्पलाशयमार मण, जंबू. ८०,८१: કમળનું ફૂલ વિશેષ
उप्पाइयपव्वय [औत्पातिकपर्वत] त्रिम पर्वत जंबू. ५६:
उव. ३० उप्पला [उत्पला विशेषनाम, : पिशायेन्द्रनी|| उप्पाएऊ [उत्पादयितुम परवा भाटे અગ્રમાહિષી, એક વાવડી
पण्हा. ४५: ठा. २८७;
उप्पाएंत [उत्पादयत्] उत्पन ते भग. ४८७,५३०,५३१%;
निसी. २२०,४०६; नाया. २२९; विवा. १३; | उप्पाएत्तए [उत्पादयितुम्] ओ ७५२' जीवा. १९१; जंबू. १५५,१९४ः ।। | भग. ६५१: उप्पलिणीकंद (उत्पलिनीकन्द] मे तनी|| उप्पाएता [उत्पाद्य] Gr4नरीने પાણીની વનસ્પતિ
पन्न. ५५२,५५४.५५५: पन्न. १२४;
| उप्पाएत्तु उत्पादयित्] उत्पन्न २नार उप्पलुज्जला [उत्पलोज्वलाओवाडी
ठा. ३६२
सम. ५०; जीवा. १९१; जंबू. १५५,१९४: ॥ दसा. १५: उप्पलुद्देस [उत्पलोद्देश] 'माछ' सूत्रनामे 6। || उप्पाड [उत् + पादय] Gत्पन्न २ भग. ८०७;
ठा. ३६२
सम. ५० उप्पलुद्देसय उत्पलोद्देशक हुमो ५२'
दसा. १५: भग. १०४५; .
उप्पाड [उत्त् + पाटय] ७५२ 6814g उप्पह [उत्पथ] 6न्मार्ग
भग. ६४०,६४२: नाया. ६७; सूय. ४६; उत्त. ९४०,१०६२: पण्हा . ८:
विवा. २९: उप्पहजाइ (उत्पथयायिन] 6न्मार्ग ४नार | उप्पाडग [उत्पादक] Gत्या ठा. ३४६:
महानि. १३८२; उप्पा [उत्पाद] उत्पत्ति, प्राभाव
उप्पाडणय [उत्पाटना] उत्थापना ठा. २२.५०५;
उव. ४८.५० उप्पाइत्तए [उत्पादयितुम्] उत्पन्न खाने माटे || उप्पाडित [उत्पादित] ७५२ 681वेल, 6न्मलित नाया. ६२:
भग. ६८० उप्पाइत्ता [उत्पाद्य] उत्पनीने
उप्पाडिय [उत्पाटित]ो ७५२' जीवा. १४;
सूय. ६६७: पण्हा. १५ उप्पाइत्तु [उत्पादयितु] 643
दसा. ३५: ठा. ५९५: दसा. २;
उप्पाडेत्ता उत्पाट्य] 6५२ 6814वाने उप्पाइय [उत्पादित] G4न २८
भग. ६४० नाया. ६७: नाया. ८७: गणि. ७३;
उप्पाडेमाण [उत्पाटयत्] १५२ 3814ते
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546