Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
४७१
टा. ९२९;
મણ-વસ્તુ જોખવી તે उम्मज [उन्मज] तते, त२९५, संसारथी भोक्ष ठा. ९९.८१८,८१२: सम. ३२७ તરફ લઇ જનાર શ્રદ્ધાદિ
भग. ५१८,५२०,५२१,५८७: उत्त. १९६:
नाया. १०,११,२५,४३.६१.६४: उम्मजग [उन्मजक] स्नान ४२वा मे वत उवा. ५:
पण्हा. १९: પાણીમાં જઇ તુરંત બહાર નીકળનાર એક विवा. ११,१२, उव. ७.५०ः તાપસની જાતિ
जंबू. ७८,१०१,१०४,१०८; उव. ४४; पुष्फि. ५:
अनुओ. २५३; उम्मञ्जनिमज्जिया [उन्मग्ननिमग्निका] पाएमा
| उम्माद [उन्माद] is५९, वित्तविभ्रम, अत्यंत ઉંચો-નીચોથનાર
કામાતુર, યક્ષાદિનો આવેશ ठा. २१२;
भग. ५९६,६०० उम्मज्जा [उन्मज्जा] पाएमा नयेथी 6५२ सावधू
उम्मादणकर [उन्मादनकर] मर्नु ७६ीपन ४२॥२
अनुओ. २१८: उत्त. १९६;
उम्माय [उन्माद हुमो ‘उम्माद' उम्मजिया [उन्मज्य] शरीरने ॥ीने
ठा. ६८,१८१,५४९
उवा.५२,५५; दसा. ५२; भग. ५९४:
उत्त. ५१२ थी ५२१: उम्मत्त [उन्मत्त] oist, Gad, वि, usal
उम्मायपत्त [उन्मादप्राप्त भोडनीय यथी વાળો उत्त. ६११:
ઉન્માદને પ્રાપ્ત થયેલ उम्मत्तगभूत [उन्मत्तकभूत in थयेस, 6-मत्त ||
टा. ४५५,४७५,५१९:
बुह. २०८: वव. ४७: टा. ४४३;
| उम्मि [ऊर्मि]त, मोठ, १२, मो0नारे उम्मत्तजला [उन्मत्तजला] महाविनी में
રહેલ જનસમુદાય અંતર્નાદી
ठा. ९६१: ठा. ९६,२११:
भग. ११२.४६३,६७९,६८० जंबू. १८७: पण्हा. १५:
राय. ५४; उम्मत्तयला [उन्मत्तजलामो ७५२'
उम्मिण [उद् + मी ओuj, भा५२ . ठा. ५७३: उम्मद [उत् + मृGGटुं भईन २
| अनुओ. २५३:
उम्मिमालिणी [उर्मिमालिनी] भविटेनी में सूय. २८२ उम्मद्दण [उन्मर्दन] Gटुं भईन ४२jते
અંતર્નાદી सूय. ६६७.६७०.६७१:
ठा. ९६.२११: जंबू. १८७: नाया. १४७: दसा. ३५:
|| उम्मिलित [उन्मीलित] विसित, पीले, धडे उम्मदिया [उन्मर्दिका] टुं भईन ४२नारी
सम. २४१: जीवा. १६८ः
उम्मिलिय [उन्मीलित] ७५२ દાસી भग. ५२२:
भग. ११५: नाया. १५.२७;
उवा. १४.४३: उव. १३: उम्माण उन्मान तोलथी मा५थायते, मोशे ||
બનેલ
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