Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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४३०
सूय. ६४१ थी ६४५,६४८,६६५:
सम. ४२,१००:
भग. ४२७ :
पन्न. ५३९ थी ५४३: उत्त. ११३: उच्चानागरी [उच्चानागरी] खा नामनी वैन भुनिनी
अनुओ. १६१;
એક શાખા
दसा. ५३:
उच्चार [ उच्चार] वडनीती, विष्टा, भजत्याग, उपयोग પૂર્વક પઠવવું, ઉચ્ચારણ
आया.
३६०,४००, ४०९,४४०, ४४९,
५००,५०१:
सूय. ३३६, ४७६, ५८६.६७०, ८०६,८९६ : भग. ८३, ११३, १८१, ४६४, ५३२,५५०,
७८२;
नाया. ३२,३६ थी ३८,५१,७१,२११,२१२:
अंत. १३:
विवा. ३७: पन्न. १६६:
राय. ८१;
तंदु. २०,२९,१०२;
निसी. १८७ थी १९५,३०५ थी ३१२,३१७, ५६१ थी ५६९,५७१,५९०,९७१ थी ९७९, १०९७ थी ११०८;
आया. ५३६ :
पुप्फि. ७: उच्चारण [ उच्चारण] (उभ्यारा, उथन
उव. ५५;
उच्चारत्त [ उच्चारत्व] विष्टाप, स्थनत्व
भग. १८८:
उच्चारनिरोह [ उच्चारनिरोध ] भज़ - भुत्रनो खटाव
કરવો તે
ठा. ८०६;
आगमस कोसो
उच्चारपडिक्कमण [ उच्चारप्रतिक्रमण ] भज-भूत्र ત્યાગ કરી ‘ઈરિયાવહી' કરવી
ठा. ५८९:
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उच्चारपासवण / उच्चारप्रसवण] भण-भूत्र, 'खायार' સૂત્રનું એક અધ્યયન
दसा. ४९,५१,५२, १०७ थी १११; उच्चारपासवणखेलजल्लसिंधाणपारिट्ठवणियासमिय
[उच्चारप्रसवणक्ष्वेल जल्लसिङ्घाणपारिष्ठापनिकासमित] भज-भूत्र, जणजो, भेल, नाउनो भेस એ વસ્તુ પરઠવવામાં જયણાવાળો जंबू. ४४;
बुह. १९,८१,९८, १३६, १५५, १५६: वव. १४९;
जीव. ६१९:
उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिट्ठावणिया समित [ उच्चारप्रसवणक्ष्वेलसिङ्घाणजल्लपारिष्ठापनिकासमित] खो उच्चार० समिय
ओह. ३०१:
दस. ३६८:
पण्हा. ४५;
दसा. १७,१११:
उत्त. ९३७,९५०,९५३ : नंदी. ९८ : उच्चार [उत्+चारय्] उय्याराग ४२, जोल, भल- उच्चारपासवणखे लसिंघाणजल्लपारिट्ठावणिया ત્યાગ કરવો समिति [ उच्चारप्रसवमक्ष्वेलसिङ्घाणजल्लपारिष्ठापनिकासमिति] खो उच्चार० समिति
ठा. ४९५,७०८;
भग. ७८२:
उच्चारपासवणखे लसिंघाणजल्लपारिट्ठावणिया समय उच्चारप्रसवणक्ष्वेलसिङ्घाणजल्लपारिष्ठापनिकासमित] खो उच्चार० समित
नाया. ३८.६५, १५१:
अनुत्त. १०: विवा. १०: उच्चारपासवणभूमि [ उच्चारप्रस्रवणभूमि] भण-भूत्र
उच्चारपासवणखेलसिंघाणगजल्लपारिट्ठावणिया समिति [ उच्चारप्रसवणक्ष्वेलसिङ्घाणकजल्लपारिष्ठपनिका समिति] भण-भूत्रपणजी-नाउनो મેલ-મલ આદિ પરઠવવામાં સાવધાની રાખવી તે, પાંચમાંની એક સમિતિ
ठा. ८९६ :
उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिट्ठावणिया समिइ [ उच्चारप्रसवणक्ष्वेलसिङ्घाणजल्लपारिष्ठापनिका समिति] खो '५२'
सम. ५८:
आव. २३:
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