Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 449
________________ ४४८ विवा. ४,११,१८,२४.३२,३७, उब. २: राय. २, ८, १०, १५, १७.२३,३६,३८ थी ४०. ४२,४५, ४८, ५२; जीवा. १७०, १७५ थी १७९, १८१, १८६. १८७, १९०, १९१, २०७; सूर. २४,३१,१९५; चंद. २८,३५,१९९: जंबू. १९७; उत्तरपुरथिमिल्ल [ उत्तरपौरस्त्य ] ६शानभूगो ठा. ३२९; विवा. १९; जीवा. १४३, १४६, १८०, १९१,२९४; सूर. २४; चंद. २८; जंबू. १५७, १९७,२३०: उत्तरपुव्व [उत्तरपूर्व] ४शानपूएगो ओह. २४१ ; उत्तरपोट्ठवया [उत्तरप्रोष्ठपदा] उत्तरा भाद्रपदृ नक्षत्र सूर. ५३; जंबू. १२२; उत्तरफग्गुणा [उत्तरफल्गुनी] उत्तरा झल्गुनी नक्षत्र जंबू. ३०२, ३०३,३२९, उत्तरबलिस्सह [उत्तरबलिस्सह] छैन साधुनो खेड ગણ दसा. ५३; उत्तरबलिस्सहगण [ उत्तरबलिस्सहगण] दुखो पर ठा. ८३७; उत्तरभद्दवया [ उत्तराभाद्रपद ] खेऽ नक्षत्र जंबू. २११ ; उत्तरवाद [ उत्तरवाद] उत्कृष्टवाह आया. ४८८ : उत्तरवेउब्वि [उत्तरवैकुर्विन] वैडिय शरीर मनावनार नंदी. १५४ : आगमस Jain Education International उत्तरवेउब्विय [ उत्तरवैक्रिय] वैडिय शरीरनी रचना કરવી તે भग. ६३.१६१.१७२,८४८, ८५६: नाया. ८७.९८ : राय. ८.१६; जीवा. ४०, ५०, १०२.१०३.१७९,३३०, ३३१,३३८; पन्न. ४२३,५१७,५१८,५९०,५९२: जंबू. १२२,२२९; अनुओ. २७०: उत्तरवेयड [ उत्तरवैताढ्य] वैताढ्य पर्वतनो ઉત્તરભાગ जंबू. ७६ उत्तरसाला [उत्तरशाला] खेड भतनुं घर, जेसवानुं સ્થાન કે મંડપ निसी. ५७६; उत्तरा [ उत्तरा ] उत्तराषाढाहि त्रए। नक्षत्रो, मध्यम ગ્રામની પહેલી અને ત્રીજી મૂર્ચ્છના, ઉત્તરદિશા. ठा. ६२६; सूर. ५१,५२,७०,९४,९५,९८,१०५; जंबू. २८४; पुण्फि. ७ गणि. १२.२७, देविं. १०३.१०७; अनुओ. १८६ : उत्तरागार [ उत्तरागार] जीभ खनेड प्रहारे राय. ५१: उत्तरापोट्ठवया [ उत्तराप्रोष्ठपदा] खे! नक्षत्र ठा. ६९१; ८८; जंबू. ३०२, ३०३,३२९,३३१; उत्तरमंदा [उत्तरमन्दा]भध्भ्रभ ग्रामनी भेड भूर्च्छना उत्तराफग्गुणी [उत्तराफाल्गुनी] खे नक्षत्र ठा. ६२६: राय. ३१: ठा. ९०.११८.५६८,६९१: अनुओ. १८६ : सम. २: जीवा. १६४: उत्तरलवणसमुद्द [उत्तरलवणसमुद्र ] सवए। समुद्रनो सूर. ४३ थी ४९, ५३, ५४,५६,६९,८६,८७ उत्तराभवया [उत्तराभाद्रपदा] खेऽ नक्षत्र ઉત્તરભાગ ठा. ८०८: सूर. ४६.४८, ४९, ५३, ५४,५६,६९,८६ थी ठा. ९०.११,४४९,५६८; सूर. ४३ थी ४७,८६ः जंबू. ३३१,३३२, उत्तराभद्दवय [ उत्तराभाद्रपदा] खेऽ नक्षत्र ठा. ४४९: For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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