Book Title: Agamsaddakoso Part 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૪૧૪
आगमसद्दकोसो
ई
इहलोइय [इहलौकिकालो संबंधि || इहलोय [इहलोक आलो, मा४न्म आया. २९६,५०४: सूय. ४०६:
नाया. ५४,७२,७३,१८५.१८६,२११: टा. १९८: सम. २२२ थी २२७: ।। पण्हा. २०;
भत. १०८; पण्हा. ८.१२,१६,२०.२४,३९;
इहलोयभय [इहलोकभय/मालो संघिय निसी. ७७५,१२५९: उत्त. ५०४:
वीर. ३४: ओह. १०१:
इहही [इहही] ४ नंदी. १४४ थी १४७,१४९;
भत्त. ४३: इहलोक [इहलोकालो, ४न्म
इहेव [इहैव मा0 ४ पण्हा. १५;
भग, १७२; इहलोग [इहलोका हुमो ७५२'
-x-x. आया. १७१: सूय. १२०.६६२; इअ आगमसद्दकोसे इयाराइसहसंकलणोनाम ठा. १६५,१९१,२२२,३०१,३८२,९७९;
तइओ तरंगो समत्तो भग. ४०९,४६४
-x-xनाया. ३३,६५,१८५ अंत. १३,२७, उव. १७; आउ. ११: दसा. ३५,३६; दस. ३९४,४४४,७१;
ई[चित्]मो ‘इ (चित्) इहलोगपडिणीय [इहलोकप्रत्यनीक] मनुष्यभव | दस. १२०; સંબંધિ વિપરીત પ્રરૂપક
ई[ई/ मो इ' ठा. २२२;
___ अनुओ. १५३; इहलोगपडिबद्ध /इहलोकप्रतिबद्ध आलोमांस|| ईकारंत [ईकारान्त] ई १२ ने मंतछते પામેલ
___ अनुओ. १५५; ठा. २६५
| ईति [ईतिभातिवृष्टि, अनावृष्टि इहलोगभय [इहलोकभयासात यांनोमय, || सम. ११०; આલોકસંબંધિભય
|| ईतिबहुल [ईतिबहुल] स्वयमय ५स्यमय - ठा. ६००,८७५: सम. ७;
અતિવૃષ્ટિ-અનાવૃષ્ટિ-ઉંદરતીડ પોપટ એસાત इहलोगवेयण [इहलोकवेदन] २मा सोना सुनो।
ईतिनीमतता
जंबू. ११; અનુભવ
ईर [ई प्रेरए४२वी आया. १७१:
'दस. २६३: इहलोगसंवेयणी [इहलोकसंवेजनी ॥ संसारनु
ईरित [ईरिता प्रे२९॥ ४२, ४ સ્વરૂપ જાણીવૈરાગ્ય પમાય તેવી કથા
आया. १५५: ठा. ३०१:
ईरिया [
ई ओ ‘इरिया' इहलोगसंसप्पओग [इहलोकाशंसाप्रयोग] मा
ठा. ५४६: લોકમાં હું રાજાથાઉં વગેરે પ્રકારે ઈચ્છા કરવી તે,
ईरियावहिय [ऐयोपथिक] मो इग्यिावहिय' સંલેષણાનો એક અતિચાર,
सम. २६: उव. ९:
आव. ६९ः
|| ईरियावहिया ऐयापथिका] मो इरियावहिया'
sec
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