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M. states about the ancient tradition of village stay of one night to one
week duration and city stay of five nights to five weeks duration. (p. 200)
तप वर्णन
३०. (क) तेसिं णं भगवंताणं एएणं विहारेणं विहरमाणाणं इमे एयारूवे अभिंतरa बाहिरए तवोवहाणे होत्था। तं जहा-अभिंतरए छबिहे, बाहिरए वि छबिहे।
से किं तं बाहिरए ?
बाहिरए छबिहे पण्णत्ते। तं जहा-१. अणसणे, २. ओमोयरिया, ३. भिक्खायरिया, ४. रसपरिच्चाए, ५. कायकिलेसे, ६. पडिसंलीणया।
३०. (क) इस प्रकार ग्रामानुग्राम विहार करने वाले वे श्रमण भगवान आभ्यन्तर तप तथा बाह्य तपमूलक आचार का पालन करते थे। आभ्यन्तर तप छह प्रकार का है तथा बाह्य तप भी छह प्रकार का कहा है। ___ बाह्य तप क्या है-कौन-कौन से हैं ? ___ बाह्य तप छह प्रकार के हैं-यथा-(१) अनशन-आहार एवं आहार की आसक्ति का | त्याग करना, (२) अवमोदरिका-भूख से कम खाना या साधनों का उपयोग सीमित करके, (३) भिक्षाचर्या-भिक्षा से प्राप्त-संयम-जीवनोपयोगी आहार, वस्त्र, पात्र, औषध आदि शुद्ध एषणीय वस्तुएँ ग्रहण करना, इसे वृत्तिसंक्षेप भी कहते हैं, (४) रस-परित्याग-सरस पदार्थों का त्याग करना, (५) कायक्लेश-इन्द्रिय-दमन करना तथा सुकुमारता, आरामतलबी
छोड़ने हेतु तदनुरूप कष्टमय अनुष्ठान द्वारा शरीर को साधना के लिए तैयार करना, 8 (६) प्रतिसंलीनता-अन्तर्मन की आभ्यन्तर तथा शरीर की बाह्य चेष्टाओं का संकोच करना। AUSTERITIES
30. (a) During their wanderings from one village to another these Bhagavants adhered to their ascetic conduct based on inner and outer austerities. The inner austerities are of six kinds and the outer austerities are also of six kinds.
What are these outer austerities?
The outer austerities are of six kinds-(1) Anashan or totey abandon food as well as desire for food. (2) Avamodarika or eating less than appetite and also to limit use of other utilities. (3) Bhikshacharya or to live on alms (prescribed and acceptable)
including food, clothes, utensils etc. (4) Rasa parityag or give up * औपपातिकसूत्र
Aupapatik Sutra
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