Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 367
________________ गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगट्ठवासाउए, उक्कोसेणं पुवकोडियाउए सिमंति।। १५८. भगवन् ! सिद्धगति प्राप्त होते हुए जीव कितने आयुष्य में सिद्ध होते हैं ? गौतम ! कम से कम आठ वर्ष से कुछ अधिक आयुष्य में तथा अधिक से अधिक करोड़ * पूर्व के आयुष्य में सिद्ध होते हैं। (इसका तात्पर्य यह हुआ कि आठ वर्ष या उससे कम की * आयु वाले और क्रोड पूर्व से अधिक की आयु वाले जीव सिद्ध नहीं होते हैं।) ___ 158. Bhante ! At what age do the beings destined to be Siddhasss (perfected beings) attain perfection ? . Gautam ! They attain perfection at a minimum age of a little more than eight years and a maximum of ten million Purvas (one Purva being 7056 x 1010 years). सिद्धों का परिवास १५९. अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसंति ? ___णो इणटे समढे, एवं जाव अहे सत्तमाए। १५९. भगवन् ! क्या इस रत्नप्रभा पृथ्वी-(प्रथम नारक भूमि) के नीचे सिद्ध भगवान ॐ निवास करते हैं ? नहीं, ऐसा कहना ठीक नहीं है। रत्नप्रभा के साथ-साथ शर्कराप्रभा, बालुकाप्रभा, पंकप्रभा, धूम्रप्रभा, तमःप्रभा तथा तमस्तमःप्रभा-पहली से सातवीं तक सभी नारकभूमियों के सम्बन्ध में ऐसा ही समझना चाहिए अर्थात् उनके नीचे सिद्ध निवास नहीं करते। ABODE OF SIDDHAS 159. Do the Siddhas reside beneath the Ratnaprabha land (the first hell)? No, this is not true. This statement also holds good for all the infernal worlds a including Sharkaraprabha, Balukaprabha, Pankaprabha, Dhoom prabha, Tamahprabha and Tamastamahprabha. That means Siddhas do not reside beneath any of these infernal worlds. १६०. अत्थि णं भंते ! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे सिद्धा परिवसंति ? अम्बड़ परिव्राजक प्रकरण (321) Story of Ambad Parivrajak ** Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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