Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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३०२
३
३६१
४१०
शाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः पृष्टाकाः । विशिष्टशब्दाः
पृष्ठावा गमणागमण
२६०, ३१९ गहगणदिप्पंतरिक्खतारागण गमित्तए ३१९, ३४२, ३५८ गहण
३४१ गय १०, ११, १९, १३२, १५०, गहाय
३४३ २२४, २३४, २८४, २८६, गहिए
१५३ २८७, २९२, २९४, ३००, गहियहा
१८ गहियाउय
३०२ गयकलभ
८६, २८१, ३४०, ३४२ गयगया ३०२ गहियागमणपवित्ती
.४२ गयणतल
गहेऊण
२८९ गयतालुयसमाणा
गाढ
२५९, २६०, २६१ गयलक्खण
गाम २४९, २७५, २८४, २९४, गयवह २८२
२९६, ३०१ गयवर १९७ गामकंटए
४८ गयवरकरेणु
गामघाएहि
३३८ गयवरजुवाणए
गामागर १५०,१६२, १७२,२४२, ३२४ गयाणीएणं
गामागरनगर
४९, १६४ गरहंति
गामाणुगाम ४,४१, ७३, १०८, १२४, गरहणिज १००, १३८
___३१९, ३५२, ३५५ गरहिजमाणी १७२, २६२ गाय
६७, ८२, २७३ गरिहंति
१७२ गायाति गरुई
गारवेण
३५१ गरुभारिया
१३० गालावेमाण गत्यं
गाह
३८, १०३
गाहाणुसार गरुयया
१३० गाहावइ (गाहावति) ५६, ३५७, ३५९, गरलजुवती १५४
३६३,३६८ गरुलवूहं
३८ गाहावाणी गलएसु
३२८ गाहावतिणी
१०८, ११०, १११ गललग्गुक्खित्तो ३३१ गिज्झ
२३२-२३८ गलियलंबणा
गिज्झति गल्लसरीर १२६ गिज्झह
१७८ गवल
२१, १०८ गिण्हमाणी गवेसण
७, २६०
गिव्हिऊण गवेसमाण
७९, ८४, १०४ गिण्हित्तए
१७५, ३४४ गवियविलसियगतीसु ३३१, ३३२ गिद्ध
७८, ८४, ८७, १२६, १७७,
२९६, ३३१, ३३२, ३५० गहगण
७६ । गिम्ह
६६, १९०, १९८
२१९
गरुयत्त
३२९
गह
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