Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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४९०
विशिष्टशब्दाः
सव्वभक्खी
सव्वभूमियासु
सव्वमट्टिय
पृष्ठाङ्का:
७९
७, २४४
४९
४९
२१४
१५३
१९
१४५, १९०
२०४
११६
- १२५, ३५०
सव्वालंकारभूसिता ३६ सव्वालंकारभूसिया ९७, २३८, २७२, २७३ सवालंकारविभूति २७, ३५९ सव्वालंकार विभूसिया ८३, ८४, ८६, ११२, १६४, १७७, १८४, १८५, २३४, २३६, २६८, २८८ सव्विंदियगबायपव्हायणिज्ज १५, २१६,
२१९, २२०, २२१ विडी ३३, ४९, १५०, १७५, १८९, २४३, २६८, २८३, २८५, २८६, ३५९
९४
१०७
२०५
४९
सव्वमल सव्वविराहए
सव्वस उण
सन्वसुमिणा
सव्वाउय
सव्वाति
सव्वातो
सव्वाबाह
व
सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धे
सव्वोउयसुरभिकुसुमबुद्धि
●
सव्वोदय
सोहि सिद्धत्य
ਚਰ
ससु
मोतिया
ससक्खं
ससद्दं
ससय
ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः
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ससा
ससारहिं
ि
ससि सोमागार कंत पियदंसणा
४९
१०७
६१
૪૪
८६
७३
६७, ६८
६७
३१३
१६, १९, १९८
७८
विशिष्टशब्दाः
ससीसोवरिय
सस्सिरीय
सस्सिरीयरूव
सहकार चारुहार
सहजाया
सहदार रिसी
सहदेव
सहपंकी लियया
सहसंबवण
सहसंबुद्धेणं
सहसि
सहरस
सहस्त्रवण
सहस्तपत्त
सहस्वपाग
सहस्सर स्सिमि
सहस्सलभा
सहस्सा गणपाणयारणच्युते
सहाए
सहायकिचं
सहियाण
सहोद
साइ
साइम
साएय
साय
सागर
सागरग
सागरदत्त
पृष्ठाङ्काः
२५९
१०, ११, १२, १४, १८, ७२,
१४४, १९५, २४४
३९, ४०, ५२ १९८
९४, १२०, १४२, १७८
९४
२८३
९४
९४, १२०
१८९, ३१८, ३१९, ३६७
सागरदत्तपुत्त
सागरसलिल
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६९
५३
१८७
८२, २२६
१५, २७३
१४
९५
७६
९१
२४९
९४, १४२, १५२
८६
९९
७५, ८१, १२७, १८०, २१७,
२२०, २५७, २५८, २७२,
२८५
१५१
१५०
१९, १७३, १९८, २६६, २६९,
२७०, २७१, २७४
२६७, २६८, २७३
२६५, २६६, २६८, २७१,
२७२, २७३, २७४
९४, ९९, १००
२०८
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