Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 665
________________ द्वितीयं परिशिष्टम् ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतानां गाथार्धानामकारादिक्रमेण सूचिः पृष्ठम् ३३१, ३३५ २३० १४३ १८८ १४३ २३० १८१ १४७ ३३२ २०५ ३०६ ३३१, ३३२ गाथार्द्धम् अगरवरपवरघूवण अच्छिवेयणा कण्णवेयणा अपुव्वणाणगहणे अमरवति अमरसेणे अरहंत सिद्ध२ पवयण३ अरिसा अजीरए दिही अवरे य पुंडरीए असितिं च सयसहस्सा असियसिरया सुनयणा आसायम्मि अगिद्धा आसायम्मि उ गिद्धा रमंति इमस्स उ अणेगझस उउभयमाणसुहेसु य उक्खितणाए संघाडे एएहिं कारणे तित्थयरतं कण्हा य कण्हराती कमला कमलप्पभा चेव कलरिमियमहुरतंती किं थ तयं पम्हुई कुडयज्जुणणीवसुरभिदाणो खणलव तव चियाए गंधेसु जे न गिद्धा गंधेसु य भद्दय पावरसु गंधेसु रजमाणा गय-उसभ-सीह-अभिसेय गुणसंकर हं तुमे घाणमणनिव्वुइकरं घाणिंदियदुइंतत्तणस्स चक्विंदियदुईतत्तणस्स गाथा म् चलचवलकुंडलधरा १८५ छलिओ अवयक्खंतो २०८ जं ओसहिंगणं ३३१ जं खणह मत्थयं ३३२ जं गललगुक्खित्तो ३३१ जं जलणम्मि जलंते ३३१ जिभिदियदुद्दतत्तणस्स ३३१ गंदिफले अवरकंका गंदे य गंदिमित्ते ण हु जुजसि एक्वियं २०६ णाणामणि-कणग-रयणघंटिया तत्थ उ कंदटसिलिंधदंतो १९७ तत्थ उ सण-सत्तिवण्णकउहो १९८ तत्थ उ सहकारचारुहारो १९८ तत्थ य पाडलसिरीससलिलो १९८ तत्थ य सियकुंदधवलजोहो १९८ तत्थ य सुरगोवमणिविचित्तो १९७ तम्हा पवयणसारे २०८ तिण्णेव य कोडिसया अट्ठासीति १८१ तित्त-कडुकसायंबिलमहुर ३३२ तितकडुयकसायब ३३१ तुबे य रोहिणी मल्ली तुटेण व रुटेण व ३३२, ३३२, ३३३, ३३३, ३३३ तुसारदगधारपीवरकरो १९८ तुसिया अव्वाबाहा १८३ थण-जहण-वयण-कर-चरण ३३१, ३३२ थिण्ण णिकिव अकयण्णुय २०६ दंसण विणए आवस्सए य १४३ ३६९ ३६६ ३२९, ३३२ १७९ १९७ १४३ ३३२ م س م م ३३२ الله १९ २०६ २०५ ३३१ १४३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737