Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 728
________________ शाताधर्मकथा ङ्गसूत्रटीकायामुपनयगाथाः १९. नवरमुपनयविशेषोऽयम् - Jain Education International "वाससहस्सं पि जई काऊणं संजमं सुविउलं पि । अंते किलिट्टभावो न त्रिसुज्झइ कंडरीउ व्व ॥ १ ॥ " तथा " अप्पेण वि कालेणं केइ जहागहियसीलसामण्णा । सार्हेति निययकज्जं पुंडरियमहारिसि व्व जहा ॥ २ ॥ " For Private & Personal Use Only ५६३ www.jainelibrary.org

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