Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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विशिष्टशब्दाः
झियायंति
शियायति
झियायमाण
झियायमाणि
झियायह
झुंझिए
सिर
झूसेति
झूमेत्ता
झोडा
झोसित्ता
झोसेत्ता
टंक टिट्टियावेजमाण
ठवका
ठविए
ठवेइ
ठवेति
ठवेत्ता
ठम
ठाण
ठाणभट्ठा
ras
ठाकुडु
ठावेति
ठावेता
ठामो
ठिइ
ठिझ्खय
ठिइवडियं
ठिच्चा
ठितिक्खय
ठितिपडिय
ठिती
ठियं
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प्रथमं परिशिष्टम्
पृष्ठाङ्काः
१९५
१७६, ३२१
५६, ६०, २४१, ३५१
२४, २७०
१७७
६८
७७
३६२
७६
२१३, २१४
७५, ३२०
२४४
६०
९९
३४५
४८
३०३
५०, १२७
२५५, ३४८
२२३
६, ८९, १५८, २६२, २७७,
२७९, ३५४, ३६१, ३६२
१९४
६८
७१, ७२
२९७
१८९
३१७
२६, २३५
७३, १४५, २५०
३५
९८, २४८
९२
२४०
७६, १४५, १७८, २३५, २६१,
२७९, ३२०, ३६२, ३६४-३६९
२४५
विशिष्टशब्दाः
भसंथारंग
डहइ
डिंभएहिं
डिंभया
डिभिया
डोहल
गंगोला मंगसिरोधर
णंदणवण
णंदा
दिफला
दिमित्त
दियावत्ते
णक्खत्त
नगर
नगर गुत्तिया गरवण्णओ
नगरी
णगवर
णग्गभाव
णच्चासन्ने
णज्जति
ट्टविहि
पट्टा
पतीए
नसणे
सुती
णडा
णण्णत्थ
णन्नत्थ
णमंसति
णमंसमाण
णमंसमाणी
णमंसित्ता
मोत्थु
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४२१
पृष्ठाङ्काः
२८
२८८
८४, ३३४, ३३५
३३४, ३३५
३३४, ३३५
१४६, १४७
१०१
१०७
७, ९६, १८८,
२२६, २२८,
२२४, २२५, २२९, २३०,
२३२, २३३, २३४
६, २५३
१८८
५४
४०, ७६, १०८, १९०. १६, ४१, ६९, १७४,
३११, ३२८.
३४२
७७
२९८, ३१६, ३५१
३०
३२०
५, ४३
२९८
३६३ - ३६५
२२७
३२१
३२१
३२१
२२७
८७
५१
१११
५
२०२
८२
३५२
१८७, ३५६
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