Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 616
________________ प्रथमं परिशिष्टम् विशिष्टशब्दाः पृष्ठाङ्का: । विशिष्टशब्दा: पृष्ठाङ्का 30m पासातीए १०७, १९५ पिणिद्धति १६२ पासातीया ३४८ पिता पासातो २६९, २९८, २९९, ३०० पित्तजरपरिगयसरीर ६२, १२५, ३५३ पासाद १०३ पित्तासव ४६, १७८,३४७ पासादीय ३९, ४०, १३५, २२७ पित्तिय ११९ पासामि ३१२, ३१३ पिपीलिका २५९ पासामो १५३ पिपीलिकासहस्स २५९ पासाय १०९ पिपीलिगासहस्स पासायवडिंसए १८३ पियंगुसामे पासायवडेंसए ३९, १९५, १९६, १९७, पियगंधव १९९, २०३, २९१ पियकृताए पासायवरगते पियठ्याए पासायवरगया २३६ पियति ८०, २२५ पासायसया १४१ पियदसण १६, १०७, २३९ पासि पियधम्म १६० पासित्ता ३०९, ३५६ पियमाउए २९८, ३५२ पासित्ताण १०, ११, १४१, ३४६ पियमाण २२९, २३२, २३३ पासि हिसि ३१२ पियरो ३६९ पासेत्ता २७० ११, २६, २७, ३४, ५३, ५६, पासेहि ३२८ ७५, २०५, २०६, २४१, २४३, पाहुड ८५, ११०, १६१, १६२, १६६, २४७, २७१, २७३, ३४५, १६९, २२५, २२६, २५५, ३६४, ३६९ ३२४, ३४२ पिउ १६४ पिवासा ४८ पिउच्छा ३००, ३१६ पिवासागया २०७ पिउच्छि ३०१ पिवासिए पिऊ २९० पिसायकुमारिंद ३६७ पिए पिसायरूव १५४, १५७, १५८, १५९ पिंखोलमागवरललितकुंडलुजलिय पिहेति _वयणगुणजणितसोम्मरूवो ३० पीढ ११९, १२५, १२६, १२७, १२८ पिंगलदिप्पंतलोयण पीढमद्द १६, १४७ १४८, १७८ पीणणिज १५, २१६ पिओ २४६, २४८, २७६ पीतिदाण २०, ३९, ९९, १०१, १६८, पिट्टतो ३२, १५०, २४६, ३४३ २९१ पिटुंडीपंडुर पीतिमणा १०,३५६ पिणद्धगेवेज पीसतियं १३८ पिणद्धति ५२, १६१ । पीहेति २०८ पिया पिव पिंड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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