Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
सहि
१९८
२१९
शाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः पृष्ठाकाः । विशिष्टशब्दाः
पृष्ठाकाः सजेति
३२४ सत्तंगपतिहित सज्जेह
११० सत्तंगपतिष्ट्रिय सज्झाय २४१, २५८, ३१९, ३५३ सत्तच्छयाइ
२८९ ७५, ७६, ९२, १०७, १२२,
सत्तह
९७, १५९, २०३, ३५६ २४४, २८० सत्तहतलप्पमाण सहितंतकुसल
११४ सत्तहतलप्पमाणमेचाति १५८, २०३ सडण १७८ सत्तह पदाति
२३७ सडणपडणविद्धंसणधम्म ४५,४६, ४७ सत्तण्ह
१४२ सडियांस
३२ सत्तम ७२, १३२, १४०, १४१, २६३, सण
२८३, ३५३, ३५५, ३६७, सणंकुमार ७६
३६८ सणाह
१८२, २२८
सत्तमसत्तयसि सणिच्छरंगारकुजलियमज्झभागत्थ ३० सत्तमासियाए
७१ सणिय ७३, ७४, ७५, १०४, १०५, सत्तर
२१९ १०६,१२२,१५९,१६८,२०७, सत्तरसम
३२१, ३३३, ३३४ २३४, २४६, ३१९, ३५१ सत्तराइंदिय सण्णद्ध १७५, ३०६, ३४० सत्तसइय
६३ सण्णवणा ४७, ४८, ११०, ३४९ सत्तसिक्खावइयं २३३, २४२, २५० सण्णवित्तए
४७ सत्तसिक्खावतियं सण्णाहियाए
सत्ताणुकंपा सणिजाइस्सरण १७९ सत्तिवण्णकउहो
१९८ सण्णिपुग्वे
६९ सत्तुपक्ख सष्णिवेस २७५ सत्तुसयसहस्समाणावमद्दग
२९० सण्णिसण्णे २६, ३५, १६४, २२९, सत्तुस्सहे
४, १०, ५९, ६४ सण्णी २६३ सत्थकोसहाथगय
२३१ सण्ह
सस्थणिएसु
૨૨ सण्हबहुभत्तिसयचिचहाणं
सस्थणिवेस
२५३, २५४ सतसाहस्सी १८९ सत्थनिवेस
२५४, २५५, ३२४ सताति २९५ सत्थपरिणया
१२० २०० सत्थवज्झा
२६३ सतिए
३५, १०२ सत्थवाह १६, ७७, ७८, ८०, ८१, ८३, सतिमं
२९६
८५, ८६, ८७, ८८, ८९, ९०, सतुरंग
३१३
९१, ९२, ९३, ११२, १३२, सतेरा
१३३, १३७, १३९, १६१, सत्त ५६, ६४, ६७, ७०, ११५,
१९१, २५१, २५२, २५३, १४४, १७९, १८३, २१९,
२५४, २५५, २६५, २६६, २५९,२९०, २९५, ३५६, ३६९ ।
२६७, २६८, २७१, २७२,
२२२
३०२
सति
३६५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737