Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 621
________________ ४५६ विशिष्टशब्दाः बलि यसरी रे बली बहिया बहु बहुउप्पल बहुउप्पलप उम कुमुयन लिणसुभगसोगंधिय पुंडरीयमहा पुंडरीयसयपत्तत हस्तपत्त केसरपुर फोवचिए बहुखजपेजलेझे बहुजण बहुनाय बहुपडि पुण बहुजण सद्द बहुगरणिग्गजसे हुन बहुपढिय बहुपरिवार बहुपुत्तिय बहुमए बहुभा बहुरुवा बहुलक्ख बहुविह पृष्ठाङ्काः ३५० १८५ ११३, ३२४, ३४८ ७, ३२०, ३२२, ३२५-३२९, ३३४, ३३५, ३४८, ३६२ २२६ ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः १०३ ३३२ ७९, ९२, ११५, १४०, १८२, २२५, २२९, २३०, २३२, २३३, २३४, २६१, २६२, ३१८, ३२१ ३१९ ३३७ २४१, २७४ १९, ३४, ८४, १४६ १२, २६, ७५ २४२ २४१, २५७ ३६६ ४५ ७७, १०७, १४८, १४९, १६३, १९५, २५३ ३१४ ३६६ २११ १५ २९० ६० १८३ २५७ २५६ २५७ भाग Jain Education International बहुआ बहुविहत रुपल्लव पउरपाणियतण बहुविहीय बहुसंभारणेह कथं बहुसंभारसंजुत्तं बहुभाभिए बहुसम सुविभत्तनिचितरमणिजभूमिभाग ४० विशिष्टशब्दाः बहुसिया बहुस्सुय बहूतिं बायालीस बार बारमूल बारवती पृष्ठाङ्काः २४१ १४३, २४१, २७४ २९३ १९, २० ७९ ५७ १०८, २८०, २८३, ३०२ १०७, १०८, १०९, ११२, २८१, २९८, २९९, ३००, ३०१, ३१५, ३१६ ७१, ७६, ११६ बारस बारसजोयणायामा बारसम बारसहि बारसाहदिवस बाराणि बालकीलावणकुसले बालगाही बालवाय बालवायणाण बालमार बालवयंसगा बालवयंसा बासि बापोक्ख बालात व कुंकुम बावरि बावन्तरि कलापंडित बावीस बावीसतिमं-बावीसतिमेणं १४१ १४२, १७८, १७९ १४ ३८, ३१७ ३९ ४८ ७२ ३१३ ९० १५४, १५५, १८५, २०८, ३१३ ८, १२३ १३८ १३, १६, ३५, ९०, १८८ १९०, २४६, ३५८, ३५९ १११, १६६, १७० ३८ बाहा बाहिर बाहिर पेणकारि बाहिरिय बाहुच्छायापरिगहिय बाहुजुद्ध For Private & Personal Use Only १०९ ७२, २१५, २२३ १४४ ३६ ૮૪ ७८, ३३४ ८४, ३३४ ८७ ३३८ ८७ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737