Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 639
________________ पृष्ठाकाः २५९ ९२ ९२ १२६ 0 ४७४ शाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गत विशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः पृष्ठाङ्काः विशिष्टशब्दाः वरुणा १८३ वसुमिता ३६९ वलयबाहा १५३ वसुल २०६ वलयसयखंडिया १९४ वसुहा २९४ वल्लकीण ३२५ वसू १४१, ३६९ वल्लि २३, ३३, ६४, ७७, २३२, २४२ वह वल्लिपरिगत १०७ वहकरण वल्लिवियाण २१, ६१ वहणहयाए क्वगयचिंत-सोय-मोह-भय-परित्तासा वहबंध ववगयण्हाणुम्मद्दण वहलि ववगयमालावण्णगविलेवण २८ वहुवर २७० ववगयरोगातंक वाइयं ३८ ववरोविएल्लिया ३४४ वाउकाय बवरोविजसि २५८ वाउछुतविजयवेजयंतीपडागछत्ताववरोवित्तए २४७ इछत्तकलिए ववरोवेइ ३४५ वाउल ववरोति २५४ वाउलिदारुणतरे ववरोवेमो ३४५, ३४६ वाएणं १६१, ३२२, ३२४, ३२६, ३२८ ववहार १३२ वागरण वस ११९ वाघुण्णितविमलकणगपयरगवडेंसगमउडुवसंत ६०, १९८ कडाडोवदंसणिजो वसंतउऊ १९८ वाडिपरिक्खेवं १३४, १३५ वसंतमास ६३ वाणमंतर १४६, १८८, २५०, ३५५ वसट्टमरण वाणमंतरिंद ३८७ वसण ७९ वाणारसी १०३, १६४, १६६, ३६५, ३६९ वसणसउबद्दवाभिभूते वाणिजाए २५१ वसणुप्पाडण वाणियए ३२३ वसमाण २५३ वाणियग १५३, १६१ वसहि २५३ वाणियगजण १९४ वसही वाणियगजणितहास १५७, २१५ वातिय ११९ वसामि २७८ वातिय-पित्तिय-सिभिय-सन्निवाइय ४८ वसाहि ४९, ५४ वादी १९० वसित्था वाबाह १०५, १११ वसीकरण २४२ ५३, २८८, ३०३, ३५६ वसुंधरा ३६९ वामणि वसुगुत्ता ३६९ वामद्दण वसुमती ३६६ । वामपाएणं २३४ ३३२ १६३ वसा ३६१ वाम १५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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