Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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भीत
७८
प्रथमं परिशिष्टम् विशिष्टशब्दाः पृष्ठाकाः । विशिष्टशब्दाः
पृष्ठाङ्काः भारियताए १५१, २३८, २६६, २७३, भिसमीणं
४०, ५२ २८० मिसियाए १७१, १७२, २९४, २९६ भारिया ४६,८०, ८१, ८५, ८७, ८९, भीए
५५, १२८, २२१ ९०,१३०, १३२, १९१,२४०,
६१,६३, १०४, २००, २४३, २५०, २५६, २६०,
२०१, ३०९, ३४१, ३३४ २६५, २९६, ३११, ३३४, भीमतररुद्दकम्म ३५७, ३६३-३६८ भीमदरिसणिज
६६, २०० भाव
भीमसेण
२८३ भावसोए
११५ भीया
९८, ११२, १५७, १६०, भावेमाण ४, ५, ७१, ७२, ७३, ९१,
१८०, १९६, २४९, ३२२, १०८, ११४, ११५, १४२,
३२४, ३५९ २३३, ३१८, ३५५, ३५६ भुंज भावेमाणी
२४१, २९८ भुंजमाण ४१, १०८, १८३, १९६, भास ७२, ७३
२०९, २२२, २२४ मासति २३२, २६१ भुंजमाणी
९१, २०१, २७६ मासमाण
२१७, २२०, २२१ भुंजियव्व भासरासिपरिच्छन्न
७३ भुक्खा
२४, १२५, १४५ भासामणपजत्तीए
३६२ भुजो १२, १३, १६१, २५०, २५४, भासासमिए
३१० भासासमिते
भुत्तभोग भासियत्व
भुत्तभोगी भिउडि १६५, १७४, ३०४ भुयगकन्नगा
१९४ मिउडितडिनिडालं
भुयगवती भिंगपत्त
भुयगा
३६६ भिंगमेय
४७, ३५६ भिंगार
भूइकम्म
२४२ भिंगारकदीणकंदीयख
५६, २९७ भिंगाररवंतभेरवरव भिंभिसार
२३४ भूमिगयदिट्ठीया भिक्खाभायण
२३९ भूमिभाग
१६७, २२५, २२६ भिक्खुपडिमा ७१, ७६, ११६, १४३ भूमिसप्पि
१४५ भिच्छुडे
२५२ भूय ४१, ७०, ८०, १५७, २५९, भिन्नमुहिप्पमाण
३११, ३१२ भिन्भिसमीण
४०,५२ भूयघर
७९ भियगा
भूयसिरी
२५६ भिस
भूयाणंदअगमहिसित्ताए
३६६ 'भिसगपामोक्ख १८९ । भूयाणुकंपा
६८
४८
१५६
३६६
भुया
६०
भूत
भूमि
२४
२२६
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