Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 622
________________ बिल बीए बीय बुज्झति प्रथमं परिशिष्टम् ४५७ विशिष्टशब्दाः पृष्ठाकाः | विशिष्टशब्दाः पृष्ठाझा बाहुजोही ३९ ३२०, ३३४, ३४८, ३५०, बाहुप्पमद्दी ३९ ३६२, ३६४, ३६८ बिंदुग भंभाण ३२५ बिंदुय २५६ भक्खेया १२०, १२१ बिंबोडी भगंदर २३० बिहणिज २१६ भगवओ ३, ४२, ४४, ४७, १८४ बितिय ७७, ३६२-३६४ भगवं ४२,४३, ५५, ५६, ५८, ७०, बितियाचंद २११ ७१,७२,७३, ७४,७६, १८३, बियसुयक्खंधो २१०,२११,२२४,२३३,२३४, २५९, ३३१, ३५३ ३४६, ३५६, ३५७, ३६३ बिलधम्म भगवंत ७५, ९१, ९२, १४४, १८१, ३५५ २६०, २८८, ३१८, ३१९, २३२, २५३, २५८, ३१९ ३५०, ३५४, ३५७ बीयभोयण ४८ भगवता ५, ६, १३१, १४१, १५३, बीयाचंद २११ १९०, २१२, २१४, ३४७ भगवती १४७, २९४ बुज्झिहिंति ३७० भगवतो ४३, ४४, ४५, ६९, २३४, बुझिहिति ९२, २३५, २६१, ३६२ ३५५, ३५७ भगवया ७७, ९३, ९४, १०३, १०६, ७, २६, १७६ १०७, १२९, १३०, १४०, बुद्धिविण्णाण २१३, २१५, २२३, २२४, २५०, २५५, ३२०, ३३३, बोहएणं ३३४, ३४८; ३५४, ३६२, बोहेहि २४३ ___ ३६४, ३७० भंजित्तए १५८ भगिणी ९०, १६८, १७३, २८१, मंड ५६,१६२, २५१ २८६, ३०४, ३१० भंडकरंडगसमाणे भग्ग ११५, १५२ भग्गकूवए ७७, ७९, ८५, ८६ भंडगनिक्खेव ११७ भग्गमेढिमोडियसहस्समाला भंडणाभिलासी २९४ भगगलुग्ग २५२ भंडणिक्खेब १६९ १७३ भंडववहरण भट्ट २३३ भंडविणिमय २५५ महविजा भंडागारिणिं १३९ भड भंडीरवडेंसए ३६८ भडचडकरपहकर १५० १०७, १४१, १९१, २११, | भडचडगर १५१, २३६, २३८ २१३, २१५, २३६, २४४, । भडचडगरपहकर ४३ भज १६२ १९४ १६३ मंते Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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