Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 636
________________ प्रथमं परिशिष्टम ४७१ १० लूह विशिष्टशब्दाः पृष्ठाकाः । विशिष्टशब्दाः पृष्ठाका लजणिजा १६८, १६९ लाउल्लोइयमहियं लजाए लाघव ३, २११ लजिए १६८, २७१ लावण्ण १४८, १६३, १६४, १७७, लता १०७ २३६, २६५, २८०, २९५, ३५७, ३६२ २९६ लद्धह १८,१०८,११७, १२१, १२८, लावण्णरूव २०७ १५३, १६१, १६९, १७५, लावन्न २९.. १९१, २२४, २५०, ३३८, लिंडणियर ३५१, ३५८ लिंपेमाण १३० लद्धपच्चय ७, २४४ लिंच लद्धमतीए ३२२ लीलट्ठियसालभंजियाग ३९, ५२, २८४ लद्धविजया १९५ लीलायंत लद्धसणे ३२२ लीह १७३ लसुतीए ૨૨૨ लुक्ख ७२, २०६ लभामि ३०१ लुग्गंसि १३२ लयण लुलिया १०४ लयप्पहार ८६, ३२९ १२४ लया २३, ३३, ६४, ७७ लूहेंति ५१, २७३ लयाधरय २२९ लेप्प लयाजुद्ध ३८ लेप्पकम्माण ३२५ लयापहार ८८ लेसणीसु २९४ ललिय लेसा १७९, १८८ ललियंगय लेस्सा ६३, ६९, २११ ललिया २०४, २७५, २७६ लेहं ३८, ३०४ लवणसमुद्द १५२, १५४, १६२, १९१, लेहाइयाओ ३८ १९२, १९७, १९९, २०१, लेहियाए २८९ २०२, २०३, २०४, २०९, लोइय ८७, २०९, २४०, ३३९, ३४६ २९५, २९७, ३०३, ३१०, ५६, २४४ ३१२-३१५, ३२१, ३२४ लोगतिय १८३, १८४ लवणसमुद्दोचार १९२, २०९ लोगजत्ता लवणाहिवइ १९६, १९९, २००, ३१३, लोगणाह ३१५ लोगनाह ..१८३ लसिय लोगपईव लहुकरणजुत्त १४९ लोट्टए लहुकरणजुत्तजोतियं लोभ लहुयत्त १३०, १३१ लोभित्तए लहूसयंसि लोमहत्थग २२७ १६ १६ लोए २०४ १५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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