Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 629
________________ महिड्डीए शाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः पृष्ठाकाः विशिष्टशब्दाः महाबलवगा ३१४ महिड्डिए २२४, ३५७ महाभयकर ६० २८ महामंति १६ महिमा महामेह महिय २३ महामेह निउरंबभूत ७७ महिलासाहस्सीण १०८ महायस २२४, ३५७ महिसकालग १५४, १५५ महारिह ११० मह महालय ६४, १४४, १७३ महुधारापडियसित्तउद्धायमाणधगमहालिय ૨૪૮ धर्गेतर्सदुद्धएणं महावाय २१३, २१४ महुर ३४, २०४, २८३, ३३२, महावायवेग महुरसद्द महाविदेह ७६, ९२, १४१, २१०, महुरसमुल्लावगातिं २३५,२४९,२५५,२६१,३२०, महुरालाउयं २५७ ३४७, ३५४, ३६२, ३६९ महेगे १४८ महाविमाण ७६, २६१ महोरग २९७, २९९ महाविस माइय २४९ महावीर ३, ५, ६, ४१, ४२, ४३, ४४, माइयगोमुहित ३४०-३४१ ४५, ४७, ५५, ५६, ५८, ६९, माउयाए ३४१ ७०,७१, ७२, ७३, ७४, ७५, माउयाहिं १९६ ७६, ७७, ९४, १०३, १०६, माउल १५३ १०७, १२९, १३०, १३१, माऊ १४७ १४०, १४१, १९०, २१०, माकंदी १९१ २११, २१२, २१३, २१४, मागंदियदारग १९१, १९२, १९४, २१५, २२३, २२४, २३३, १९५, २०१, २०४, २०५ २३४, २३५, २५०, २५५, मागंदियदारय १९६, १९७, १९९, २८०, ३२०, ३३३, ३३४, २००, २०३, ३२१ मागहए ३४६-३४८, ३५४-३५७, १३५ मागहओ ३६२, ३६४, ३७० १८२ मागहियं महावुटिकाय ६४, ६५, १३४, १३५, माडंबिय १६, ११२ १३६ माडंबियकोडुंबिय २८० महासमुद्द माण ७४, ११९ महासुक्क ७६, २४९ माणिय महासुणाणं माणुम्माणपमाणपडिपुण्णसुजातमहासुमिण १०,१८,१९,२०,२६,१४६ सव्वंगसुंदरंगी महासेणपामोक्ख १०७ माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णपक्खमहासोक्ख २८, २२४, ३५७ पेहुणकलावे ४७ १०१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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