Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 625
________________ भेसज ४६० शाताधर्मकया सूत्रान्तर्गत विशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः पृष्ठाङ्काः विशिष्टशब्दाः पृष्ठाझाः भूसणख २०५, २०७ मंगलकारक भेय मंगलगा १८५ भेयसमावण्ण मंगलजयसद्द ५४ मेरी १०९, २८२, २८३, ३०२ मंगलजयसद्दकयालोए मेसगसुयं २८४ मंगल्ल १०, ११, १२, १३, ७२, १२५, १२६, १२७, १५२, ९२, ३५८ २२८, २३२, २४२, २४९ मंच भोग ४१, ५५, ११४, २०८, २४५ मंचाइमंचकलियं २८६ ३५२ मंजुलप्पभणिते ८०, ८१ भोगकूरकण्हसप्पधमधमेंतलंबंतकण्णपूरं १५७ मंजूसा ५०, १३९ भोगभोगाई ३३, ९१, १९६, २०९, मंडणधातीए २२४, २७६, २९८ मंडल ६४,६५, ६६, ६७, ६८, भोगभोगाति २०१, २९३ २११, २१२ भोगरय मंडलग्ग २०८ भोगलाभ १२ मंडलघाय भोगवइया १३८ मंडलवाए ६१,६३ भोगवतिया १३२, १३४ मंडलिय भोगविभूइ २०९ मंडलियमायरो भोगसमत्थ ३९, १०८, १४१, २४०, ३१७ मंडुक्के भोजप्पसंगी ३, ७, ७८, ११५ भोत्तए ४८ मंति ४० मंतिसया ११३, ११४ भोमेज ४९, १८४ मंतिसयाइ १२३ भोयण ८७, २५३ मंतिसयाति १२३ भोयणपिडग भोयणपिडय ८७, ८८, ८९ मंदा २१३ भोयणमंडव ३६, १३३, २१६, ३४० मंस ७३, १०५, १५७, २१५, भोयणवार २५६ ३४५, ३४६ भोयणवेला १५२, २१६, २२०, २२१ मंसप्पसंगी ७९ भोयावेत्ता ८४ मंससुहाए मइपुत्व मंससोणिए ३४७ मउएहि २०२ मंसोवचित मउड ५२, ११० मउडदित्तसिरए मका ३६५ मए १२३, १३२, २१४, २३३ मगर १७, ५२, १०३, २०६ मएल्लियं २४० मग्ण ५६, ७९, १०, २०७, मंगल ११,५४, १४४, २८७, ३५४ २४६, ३०३ or una मंत भोतुं मंदर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737