Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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पञ्चायाया
८८
४४२
शाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः पृष्ठाकाः विशिष्टशब्दाः
पृष्ठाका पञ्चप्पिणह ३५, १६५, २३१, २५२, । पजुवासह
२९५, ३४९, ३५८ २८६, २९९, ३०४. । पजुवासणिज
९२, ३५४ पच्चप्पिणित्ता १२६, १२८, पजुवासति
४३, २२४ पच्चयकरणं २४९ पजुवासमाण
५, २०१, ३५५ पञ्चागयपाणे
पज्जुवासामो
२३३ पच्चामित्त ८८, ८९, ९१ पज्जुवा सित्तए
३५७ १४५, १७९, २६५, २७९ पट्टण
२९४ पञ्चावरण्हकालसमय ५७, १२७, १८८, पट्टय
१६३, १६४, २३८, २६८, २८५, ३४०
२९१, २९२ पचुण्णमति २८८
१५, २०२, २०९ पचुत्तरंति
पहंसि
२०३ पचुत्तरति
२३४ पहवए पचुत्थिए
पडए
२१९, २२१ पचुद्धरिस्सामि
पडंति
२०८ पचुन्नमा
८२, ३५६ पडगसाडग पञ्चुवेक्खंति
पडणीय पचसकालसमय
पडयाणेहिं पच्चोरुभति
५५, २७६ पडसाडए पच्चोरुहंति ३१८ पडागातिपडागं
४२, ११२ पच्चोरुहति १०, ४२, ४४, १८७, २६८, पडिकप्पेह
२८२, ३०५ ३०९, ३४९, ३५६, ३६० पडिक्कते
१२७ पच्चोसक्का १६८ पडिक्कमण
१२७, पच्चोसकृति १०५, २४६, ३५१ पडिक्कमिउकामे
१२७ पच्छण
२३२ पडिगय ४,४३, ११३, २०९, २५७, पच्छण्ण १०४
३१३ पच्छा ४५, ५६, १०५, ११६, १२२, पडिगाहेत्ता
२५८ १२३, १३३, १८५, १९६, पडिग्गह
१२४ २१३, २१४, २१९, २५३, पडिग्गहग
४९, ५०, ५३, २५८ २५४, २७७, ३५९ पडिचार
३८ पच्छातुर
पडिचिति पजेमणगं
पडिच्छंतु
२४३, ३६० ९, २९४ पडिच्छमाण पजत्ती
३६२ पडिच्छिए ४४, १२३, २२२, ३५९ पजालेति ३४६ पडिच्छिचा
२०८ पजुण्णपामोक्ख
२८० पडिच्छियमेयं
२९४ पडिजाइत्तए पजुनपामोक्ख
पडिजागरमाणी १३, १३४, १३९
१२८
१७५
पज
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