Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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३४
३०
१४८
णर
४२२
शाताधर्मकथाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः
विशिष्टशब्दाः
पृष्ठाकाः णयगंभीर
णाइसोगं जयण
३३१
णाए णयणाणंदो
णाग
८०, १५७ णयर
२८७, २९१ २९७ णागधर णयरी १, १६९, २९९, ३०२, ३१०, णागर ३१५, ३१८, ३४८, ३५७, णाण
३, ११९, १४५ ३५९, ३६३-३६५, ३६८ जाणदंसणचरित्ताण णयविहण्णू
णाणादुमसंडमंडिउद्देस
१९५ १७ जाणादेसीहिं गरवइदिण्णवियारा
२७५ णाणामणिकडगतुडियर्थभियभुए णरवती
१६, १९८ जाणामणिकणगरयणभतिचित्त ११, १३ परवरिंद
जाणामणिकणगरयणविमलमहरिहणिउणोणरसीहरूव
वियमिसिमिसिंतविरइयसुसिलिट्ठविसिठ्ठलणरिंद
संठियपसत्यआविद्धवीरवलए णलिणीवण
३४९, ३५० णाणामणिपंचवण्णकविसीसगसोहिया १०७ णव
३६९, ३७० णाणामणिरयणभत्तिचित्त णवए
णाणामणिरयणमंडिय णवंगसुत्तपडिबोहिए(या)
णाणाविहगच्छ णवजोतणवित्थिण्ण ३४८ णाणाविहचुण्णवासमीसं
२०५ णवणीय
णाणाविहपंचवण्णघंटापडागपरिमंडिययाणवण्हं ६३, ८४, ३१७ सिहरं
४० णवपजणए हिं १३५ णाणाविहपंचवन्न
१६३ णवम
३६५, ३६८ णाणाविहपत्तकहतणकयवरुद्धतपइमाख्याणवमिया ३६८ इद्धनहयलदुमगणे
६६ णवर
१४५ णाणाविहभत्तिसुविरहय णवरि
णाणाविहरयणपणियसंपुण्णा १९४ णवसुरभिसिलिंधकुडयकंदलकयंचगंधद्धणिं
णाणोवओग
१४३ णवहत्थुस्सेह
३५८ णाति ८०,१०६, ११२, १३२, १३३, णवायए
२०९, २४३, ३५९ णवियाए
३४१ णातिअंबिलं १५२, २२५, २३८, २६७ णातिकडयं
३४ णाइचिंतं
३४ णातिकसायं णाइपरित्तासं
णातितित्तं णाइभयं
णातिदूरे
४३ णाइभुजो १६१ णातिभुजो
१२८ णाइमोहं
_ ३४ णातिमहुर णाइविगिह
२५३ । णाम
१४७, ३१०, ३४८
णाह
३४
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