Book Title: Uttaradhyayan Sutram
Author(s): R D Wadekar, N V Vaidya
Publisher: Fergussion College
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२३
दुमपत्तयं
॥ दुमपत्तयं दशमं अध्ययनम् ॥
दुमपत्तर पण्डुयए जहा निवडह राइगणाण अच्चए । एवं मणुयाण जीवियं समयं गोयम मा पमायए ॥ १ ॥ कुसग्गे जह ओस बिन्दुए थोवं चिट्टइ लम्बमाणए । एवं मणुयाण जीवियं समयं गोयम मा पमायए ॥ २ ॥ इइ इत्तरियम्मि आउए जीवियए बहुपचचवायए । विहुणाहि रयं पुरे कडं समयं गोयम मा पमायए ॥ ३ ॥ दुलहे खलु माणुसे भवे चिरकालेण वि सव्वपाणिणं । गाढा विवाग कम्मुणो समयं गोयम मा पमायए ॥ 8 ॥ पुढविक्कायमइगओ उक्कोसं जीवों उ संवसे । कालं संखाईयं समयं गोयम मा पमायए ॥ ५ ॥ आउक्कायमइगओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईयं समयं गोयम मा पमायए ॥ ६ ॥ तेक्कायमइगओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईयं समयं गोयम मा पमायए ॥ ७ ॥ वाक्काय महगओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईयं समयं गोयम मा पमायए ॥ ८ ॥ वणस्सर का यमइगओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालमणन्तदुरन्तयं समयं गोयम मा पमायए ॥ ९ ॥ बेइन्दिय कायमइ गओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखिज्ज सनियं समयं गोयम मा पमायए ॥ १० ॥ तेइन्दिय कायम गओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखिज्ज सन्नियं समयं गोयम मा पमायए ॥। ११ ॥
[ - १०.१४
उरिन्दियकायमइगओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखिज्जसन्नियं समयं मोयम मा पमायए ॥ १२ ॥ पंचिन्दिय कायमइ गओ उक्कोसं जीवो उ संवसे ॥ सत्तट्टभवग्गहणे समयं गोयम मा पमायएं ॥ १३ ॥ देवे नेरइए यमदगंओ उक्कोसं जीवो उ संवसे । इक्वेक्क भवग्गहणे समयं गोयम मा पमाय ॥ १४ ॥

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