Book Title: Uttaradhyayan Sutram
Author(s): R D Wadekar, N V Vaidya
Publisher: Fergussion College
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जीवाजीवविमत्ती
[-३६.१०० एगविहमणाणत्ता सुहुमा तत्थ वियाहिया। सुहुमा सव्वलोगम्मि लोगदेसे य बायरा ॥८६॥ सन्तई पप्पऽणाईया अपज्जवसिया विय। ठिई पडुच्च साईया सपज्जवसिया वि य ॥ ८७॥ सत्तेव सहस्साई वासाणुकोसिया भवे। आउट्टिई आऊणं अन्तोमुत्तं जहचिया ॥८॥ असंखकालमुक्कोसं अन्तोमुहुतं जहन्न। कायटिई आजणं तं कायं तु अमुंचओ। ८९॥ अणन्तकालमुक्कोसं अन्तोमुहत्तं जहाय। विजदंमि सए काए आऊजीवाण अन्तरं ॥९०॥ एपसि वयोव मन्धो रसफासी। संठाणदेसओ वाबि विहाणाई सहस्सो ॥११॥ दुविहा वणस्सईजीवा सहुमा वायरा तहा। पजत्तमपज्जत्ता एवमेए दुहा पुणो ॥ ९२॥ बायरा जे उ पज्जत्ता दुबिहा ते वियाहिया। साहारणसरीराब पत्तेमा य तहेव य॥९॥ पत्तेगसरीरा उजेगहा ते पकित्तिया। रुक्खा गुच्छा य गुम्मा य लया वल्ली तणा तहा ॥९॥ वलया पवमा कुहुणा जलरुहा ओसही तहा। हरियकाया य बोद्धव्वा पत्तेगाई वियाहिया ॥१५॥ साहारणसरीरा उ महा ते पकित्तिया। आलुए मूलए चेव सिंगबेरे तहेव य ॥१६॥ हरिली सिरिली सस्सिरिली जावई केयकन्दली। पलण्डुलसणकन्दे य कन्दली य कुडुपए ॥९७॥ लोहिणीहू य थीहू य कुहगा य तहेव य । कन्दे य वजकन्दे य कन्दे सूरणए तहा॥९८॥ अस्सकण्णी य बोद्धव्वा सीहकण्णी तहेव य। मुसुण्ढी य हलिहा यऽणेगहा एवमायओ ॥९९॥ एगविहमणाणत्ता सहुमा तत्य क्यिाहिया। . सुहुमा सव्वलोगम्मि लोगदेसे य बायरा ॥१०॥

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