Book Title: Traivarnikachar
Author(s): Pannalal Soni
Publisher: Jain Sahitya Prakashak Samiti

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Page 18
________________ विषय. पृष्ठ. विषय. अग्निहोम प्रारंभ ' "पृष्ठ. १०५ समिधाओंके विषयमें विशेष .....११२ क्षेत्रपालबलि, भूमिसंमार्जन, भूमिसेचन, वैश्वदेवकर्ममें वर्ण्य पदार्थ । । . दुर्भाग्निज्वालन, नागतर्पण, भूमिपूजा आदि१०५ होमके भेद उपवेशनर्मिशोधन, पश्चिमाभिमुख जलहोम .१.१३ उपवेशन, पूजाद्रव्यस्थापन आदि और बालुकाहोम ११५ परमात्मध्यान होमके अवसर . अयंप्रदान, होमकुंडार्चन, १०६ होमका फल आनस्थापन और अग्निसंधुक्षण १०६ यजमान ११६ आग्निसंज्वालनविधि आचमन, होमकरनेका समय ११६ प्राणायाम, अग्निआव्हान, अमिहोत्रीकी प्रशंसा १.१७ और कुंडोंमें अग्निज्वालनक्रम आग्निहोत्रीका फल ११७ तिथिदेवतार्चन, ग्रहार्चन और . . जिनप्रतिमा आदिको स्वस्थानमें इन्द्रार्चन १०७ स्थापन और देवोंका विसर्जन - - सुक् और सुवा चैत्यालयस्थ क्षेत्रपाल आदि का समर्चन, .. आज्याहूति . . ११८ गृहनालि और विशेषोपदेश ११८ सुक्-सुवाका आकार और प्रमाण १०८ स्त्रियोंका कर्तव्य ११९ सुक्-सुवा तापन, मार्जन जलसेचन १०८ चारमकारके देव अग्निज्वाला बढ़ जानेपर शमनविधि .. सत्यदेवता, क्रियादेवता . तीनों कुडोंमें बराबर होम .. १९८ कुलदेवता और गृहदेवता तर्पण १०८ वारों प्रकारके देवताफी समिधा और वटिका . . १०९ पूजाका फल और हेतु . . . १२० होम-अन्न ११० उपसंहार और कृतज्ञताप्रकाशन १२२ अन्नके अभावम अन्यविधि होम करनेकी विधि पांचवां अध्याय । दिक्पालकोरान्नाहूति. . . . . . कपाटोद्धाटन, द्वारपालानुज्ञापन और ' नवग्रहहोम ११. ईयांपथशोधन मंत्र . १२४ नवग्रहसंबंधी समिधा १११ मुखवस्त्रोद्घाटन; जिनमुखावलोकन : समिधाका फल, ..... .. .. ..१११. और थागभूमिप्रवेशन मंत्र १२५ वनाच्छादन . १११ पुष्पांजलि, वायघोष ' भूमिशोप्रत्येक कुंड में एक सौ आठ आहूतियां १११ धन और जलसेचन मंत्र . एकही. कुंडमें सब आहूतियाँ १११ भूमिज्वालन, नागतर्पण, क्षेत्रपालाचन, पूर्णाहूति वगैरह . .. ११२ मामपूजा और यंत्रोद्धारमंत्र - ... १२७ ११९ ११० ११०

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