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परिशिष्ट सं.११
३० वर्ष
तीर्थकर भगवान श्री महावीर के जीवन की और उनसे सम्बन्धित १९२ विषयों की संक्षिप्त सूची भूमिका सर्वोदय तीर्थ के संस्थापक भगवान श्री महावीर के गत जन्म से लेकर, वे मोक्ष को प्राप्त हुए तब तक
के अनेक विषयों की आवश्यक संक्षिप्त सूची यहाँ प्रस्तुत की गई है। १. व्यवन तथा २. जन्म, ये दोनों कल्याणक और उससे सम्बन्धित विषय
४३. लाञ्छन - चिन्ह २६ क्या था? सिंह (जवा के ऊपर चर्म की ही एक स्वाभाविक १. महत्त्वपूर्ण मुख्य भवों की संख्या २७. (प्रवेताम्बर मतानुसार)
सिंहाकार आकृति) (श्वे. मते) २. गतजन्म से श्रुतज्ञान कितना लाये? ११ अंग-आगम शास्त्रतुल्य
४४. शारीरिक शुभ चिन्ह-लक्षण कितने? १००८ २० ३. तीर्थकर किससे हुए? 'बीश स्थानक' नामक तप की श्रेष्ठ आराधना से।
४५, जन्म के समय और-सांसारिक अवस्था मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, " (मर्यादित ४. गत जन्म में कहाँ थे? (च्यवन स्थल) १० वे प्राणत, नामक वैमानिक' कल्प
में कितने ज्ञान युक्त थे?
प्रत्यक्ष परोक्ष पदार्थ का ज्ञान) इन तीन शान से। (-देवलोक में) ४६. देहवर्ण
पीत ( पीतवर्ण के सुवर्ण के समान पीला) ५. पूर्वभव का देवायुष्य कितना था २० सागरोपम'
४७. देह की रूप-कान्ति
सर्वरूपों में सुन्दर, समस्त कान्तियों में श्रेष्ठतम ६. च्यवन स्थल कुण्डपुर, कुण्डलपुर, बाह्मणकुंड' ग्राम-नगर ४८. शरीर - बल कितना?
अनन्त ७. गर्भधारक प्रथम माता का नाम देवानन्दा बाह्मणी (श्वेताम्बर मतानुसार)
४९. संघयण (अस्थि सन्यि की रचना) प्रथम वज ऋषभनाराच (अत्यन्त दृढ़) ८. प्रथम पिता का नाम ऋषभदत्त ब्राह्मण
५०. संस्थान (शरीर रचना माप)
प्रथम समचतुरस्त्र (चारों कोने समान ९. देवानन्दा को कितने स्वप्न आये? सिंह इत्यादि १४
होने से अति सुन्दर) १०. उनका फल किसने बताये? पति ऋषभदत्तने ५१. उत्सेध अंगुल " से देहमान
सात हाथ का ११. च्यवन मास और तिथि आषाढ शुक्ला षष्ठी
५२. आत्म अगुल २ से देहमान १२० अंगुल का (गर्भधारण दिवस)
५३. प्रमाण अंगुल से देहमान
२१ अंश" १२. च्यवन नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी
५४. मस्तक की विशेषता क्या? शिखास्थान ५ बहुत ऊँचा जिसको 'उष्णिष' १३. च्यवन राशि कन्या
बोलते है। १४. व्यवन काल मध्यरात्रि
५५. देह के रुपिर का वर्ण कैसा? श्वेत । (गाय के दूध के समान) १५. गर्मापहरण कब हुआ? (च्यवन दिवस से) ८३ वे दिन को ५६. विवाह (लग्न) किया था?
हाँ (श्वेता. मतानुसार) (श्वेताम्बर मतानुसार)
५७. विवाहित पत्नी का नाम क्या? यशोदा १६. किसने किया? इन्द्र की आज्ञा से हरिणगमेषी देवने ५८. सन्तान थी?
हाँ (केवल एक पुत्री ही थी) १७. किस कारण से किया? भिक्षुक कुल के कारण से
५९. गृहस्थाश्रम का समय कितना? १८. गर्भ को कहाँ पहुँचाया? त्रिशलारानी' की कुक्षि में।
६०. वार्षिक दान कितना दिया?
३ अरब ८८ करोड ८० लाख ७ स्वर्णमुद्रा १९. देवानन्दा का गर्भसमय कितना? ८२ दिवस का २०, गर्भधारक द्वितीय माता का नाम क्षत्राणी रानी त्रिशला २१. द्वितीय पिता का नाम सिद्धार्थ राजा
३. दीक्षा कल्याणक और उससे सम्बन्धित विषय २२. माता त्रिशला को भी क्या १४ स्वप्न हाँ! देवानन्दा के समान ही
१. दीक्षा मास और तिथि
मार्गशीर्ष कृ. दशमी (आचा.) मतांतरे-चैत्र आये थे?
सुदि १० (सत्तरी) (गुज. कार्तिक कृष्णा.) २३. उसका फल किसने कहा? पति सिद्धार्थ तथा स्वप्न लक्षण पाठकों ने
२. दीक्षा समय
दिन का चतुर्थ प्रहर २४. त्रिशला का गृह स्थान कहाँ चा? क्षत्रिय-कुंड ग्राम-नगर
३. दीक्षा नक्षत्र
उत्तराफाल्गुनी २५. सिद्धार्थ का गृहस्थान कहाँ था? भत्रिय कुंड याम-नगर
४. दीक्षा राशि
कन्या २६. त्रिशला के गर्भ में कितने समय रहे? ६ महीने और १५ दिन
५. दीक्षा समय की आयु
३० वर्ष की २७. दोनों का समुदित गर्भसमय कितना? ९ महीने, ७॥ दिन
६. दीक्षा में स्वीकृत महावत कितने होते है? अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य,अपरिग्रह २८. जन्म मास और तिथि" मास चैत्र, तिथि शुक्ला त्रयोदशी
आदि पाँच २९. जन्म समय १२ मध्य रात्रि
७. दीक्षा दिवस का तप
बेला-छ? (२ उपवास) का ३०. जन्म नक्षत्र" उत्तरा-फाल्गुनी (दिग. उत्तराषाढा)
८. दीक्षा महायात्रा की शिबिका
चन्दप्रभा ३१. जन्म राशि कन्या
का नाम ३२. जन्म किस 'आरा' १५ में चतुर्थ 'आरा' में
९. दीक्षा के समय अन्य दीक्षा लेनेवाले थे? नहीं (अकेले ही थे) ३३. जन्म समय में चतुर्थ आरा कितना ७५ वर्ष और ८1महीने
१०. दीक्षावत किस गाँव में लिया? भत्रियकुण्ड ग्राम-नगर में बाकी था?
११ दीक्षा किस वन में ली?
कुण्ड ग्राम के ज्ञातखण्ड बन में ३४. जन्म देश विदेह (वर्तमान बिहार)
१२. दीक्षा किस वृक्ष के नीचे ली? अशोक वृक्ष के नीचे ३५. जन्मदेश की राजधानी वैशाली" (महावीर कालीन)
१३. लोच कितनी मुष्टियों से किया गया? पाँच मुष्टियों से ४० ३६. जन्म नगर क्षत्रिय कुंडगाम नगर
१४. बतोच्चारण के पश्चात् कौनसा ज्ञान हुआ? चतुर्थ मनःपर्यव ज्ञान" ३७. भगवान के गोत्र" का नाम काश्यप
१२॥ वर्ष और पन्द्रह दिन की सापना का समय और उससे सम्बद्ध जानकारी ३८. जाति का नाम
ज्ञातक्षत्रिय २२ - ३९. कुल का नाम २३ ज्ञातकुल
१. देवदूष्य कितने समय रहा? एक वर्ष और एक महीने से अधिक (श्वेता४०. वंश का नाम ज्ञातवंश २५
म्बर मतानुसार) ४१. वर्धमान नाम कैसे हुआ?
गर्भ में आने के बाद घर में धन धान्यादि २. प्रथम पारणा किस वस्तु से किया? मीर से (चावलमिश्री सह दूध) की वृद्धि होती रही इससे
३. प्रथम पारणा कब किया? दीक्षा के दूसरे दिन ४२. महावीर नाम कैसे पड़ा?
आमलकी कीड़ा अवसर पर देव को पराजय देने में ४. प्रथम पारणा कहाँ किया? कोल्लाग सनिवेश में महा वीरता बताई, जिस के कारण देवों ने यह नाम ५. प्रथम पारणा किसने करवाया बहुल नामक बाहमण ने अपने घर दिया (एक मत के अनुसार)
और कहाँ?
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