Book Title: Tiloypannatti Part 3
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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तिलोयपणात्ती
[ गाथा : ३६
धातकी खण्डकी स्थल परिधि ३ लाख x १३ लाख
१ लाख
-- ३९ लाख योजन स्थूल परिधि । कालोदधिकी स्थूल परिधि-३ लाख ५ २६ लाख
१ लाख
= ८७ लाख योजन स्थूल परिधि । द्वीप-समुद्रादिकोंके जम्बुद्वीप प्रमाण खण्ड प्राप्त करने हेतु करण-सूत्र
बाहिर - सूई - वग्गो, अभंतर-सूइ-बग्ग-परिहोणो । लक्खस्स फदिम्मि हिदे, इच्छिय-वीवुयहि-खंड-परिमाणं ।।३६॥
२४ । १४४ । ६७२ । एक सयंभुरमण-परियंत बटुल्यं ।
प्रथ-बाह्य सूची-ग्यासके वर्ग मेंसे अभ्यन्तर सूची-व्यासका वर्ग घटानेपर जो प्राप्त हो उसमें एक लाख ( जम्बूद्वीपके व्यास ) के वर्गका भाग देनेपर इच्छित द्वीप-समुद्रोंके खण्डोंका प्रमाण ( निकल ) आता है ॥३६।।
विशेषार्थ---जम्बूद्वीप बराबर खण्ड बाह्य सूची व्यास-अभ्य ० सूची व्यास
लवणपदके जम्बूद्वीप बराबर खण्ड=५ लाख-ला
१ लाख
-२४ खण्ड होते हैं। पाकी के जम्बदीप बराबर खण्ड १३ लाख-लाम'
१ लाख १६९ ला ला-२५ ला ला
१ ला ला
%D१४४ खण्ड होते हैं। कालोद के जाबद्वाप बराबर खण्ड २९ लाख'- १३ लाख
१ लाख _८४१ ला ला-१६९ ला ला
१ ला ला =६७२ खण्ड होते हैं।