Book Title: Tiloypannatti Part 3
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 719
________________ गाथा छल्लक्खा छाडी छल्लकारि विमारणा छम्बी च य लक्खा छ सय पंचसया रिंग छन्ससहसा तिसया 21 छायटिसहस्सा रिंग या को लिखा खासीला खासी अधिस चाहतरिजुताई छाहतरि लक्खाणि अवखुत्तममणहरणा जिरिंदो जलतं लोह्रिदयं जलगंधकुसुम तंदुल 21 जलहरपण्डल समुत्थिद जस्स रण विजयदि रागो अस्स मग्गे समर जह विरसंचिदभिषण जं गावस्स पारं जं जस्स जोगमुच्च जंगा रणदी जंबू जोयण लक्ख जंबू दीवम्मि दुवै जंबूदीय सरिच्छ्रा दीवाहितो ܙ Ir जंबूदीबे लवणो जंबू परिग जंबूके दोहं जंतुलवणादी जं मालवण जण ज महाषिकार गाया सं० 5 २६७ ३३४ ४६ ३७४ ३४७ ३६५ ५८ ३ ૪૬ *** १५५ ६०२ २४२ फ G “ १७ 67 ५७ य ८ ५ ७ ८ ९ ८ ५. ७ द ६ १७ ९ ८ प 1 ५ ७ ६ ५ ५. ५ ५५ गाथानुक्रमणिका 19 ን ५ ४३ 19 £1 ७२ ४९ २४७ २४ २०६ २२ ३६४ ३६४ ३२३ ३२ २१७ ६२ ५२ १८० २५ ३५ ५९० ३७ ७१ गाथा जाओ पष्णया जाई जरामरणेहि जाजीवपगलाएं जादिभरण केई जायंते मुरलोए जाय ग वेदि बिसे जावसम्म दव जिपरियायं ते जिदिट्टणाम दय जिणपूजा उज्जोगं जिम हिमदंसणे जिलिंगधारिणो जे जीबो परिणमदि जदा जुता घोषणा किरा जुवरायकलता जेभियोगप जे जुत्ता र तिरिया जे रक्खा देहे जेत्तियजल थिग हिउनमा जे पंचिदियतिरिया जे सोलस कप्पाई " "P " " जे सोलस कप्पा गि जो प्रमाण मां जो गणणयां जो इच्छदि सिरिदु जोइसियणिवासविदी जो इस यचा तर जो एवं जाणिशा जो विदमोहकम्मो जो खविदमोह कलुसो जो हिदमोठी जोगी इदि इगिबीसं [ ६५१ महाधिकार गाया सं० ३३१ 5 ९ ५ ५ ८ " የ G ८ ८ 5 ९ - 16 ८ ८ ५ ५ 3 5 ८ 5 ८ ५ १. ७ ७ ५. १६ ५ ३११ ५. है ० ૬ १६ ११५ ३४९ ५९९ ७०० 복수콘 ६० ६७८ ७६ २१६ २९६ २९४ ६७१ ५५.५ ४८६ १४८ १७८ ५२७ ५३० ૪૬ ११५ ५२ २ ७३ ૧ YE २३ * *: r 您

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