Book Title: Tiloypannatti Part 3
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

View full book text
Previous | Next

Page 727
________________ गाथा पलिदोषमाणि पण णव पंच य " पल्लदृदि भाजेहि परूपमाषाउठी पलस्स संभाग पल्संक भासणा पलाउजुदे देवे पल्लासले कारस पल्ला संखेज्यं सरे पण मिसाए पढ पंचक्खा तसकाया पंचस्खे उलखा पंचगण भट्टर पंच ठाण छक्का पंच पतियदुगाणं पंचतालसहस्सा it पंचत्तालं लक्खं पंचसीससहस्सा ri " पंचत्ती लक्खा If 12 .. पंचदुग असत्ता पंचपण गयशाडुगड पंचमहम्बय सहिवा पंचमए छडीए पंचविसि पंचविते इच्छि पचपच उसा पंचचावदा पंचसयजोयणाई पंचसयजोयणागि पंचसयारि घरिंग पंचसया देवीओ महाषिकार गाथा सं० ५३१ ५३४ ८ ५ ६ ५ ७ ६ ६ ८ ८ ५ ८ ५ وا ७ 5 ७ ७ G ७ * ८ - 19 19 ८ ५. ५ 13 ८ ८ 箴 ७ ७ गाथानुक्रमणिका द ૪ १६४ ५.५२ ३१ दर्द ५३२ ५५१ २०३ ६६० २९६ २५२ ५६८ समय २०१ ३५१ १८ # ६५६ ૪ ३४ २९४ ३२७ ३८४ ૬૭ १६७ ३०३ ३४६ ३२७ Yox १४६ ११७ १११ ३११ गाथा पंचसहस् प्रधिया पंचसहस्सा इसिय पंचमहल्ला छाषिय सहस्सा जोया पंचसहस्साणि दुबे पंचसहस्सा (तह) पण .. " पंचसहस्सा तिसया पंच सदस्सा दसजुद पंचसहस्सा दुसमा पंचस सेक्सया पंचसु वरिसे ए 77 पचाउदि सहस्सा $1 23 " पंचरण उदिसहस्सा 17 " पंचेव सहस्साई पंचेव सहस्साणि पायारा मज्झे पारावयमोराण पासादारणं मझे पासादी मणितोरण पीठाणीए दोष्ण पीदिकर प्राइमचं ढदिवष्कदि पुढवी आइउनके पुढater aft पुष्णष्णपक्खर पुण होइ विओ पुरिमावलीपदि पुरसित्यवेदजुदा पुसा परसत्तमसप्पुरुस पुण्यदाहि सुरिद पुण्छे रहे [ ६५९ महाधिकार गाया सं १५६ १६९ १९५ १-९ २७१ ४३४ ४४८५ ७ ७ ७ ७ '७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ 6) ७ ७ ७ ५ ८ ८ ५ ᄃ द ५ ५. 5 X የ ८ ८ १ ८ ५ २७२ १९६ *r २०० ५३६ *. ३०८ ४१२ ४१३ ૬૪ १६२ १९४ (55 २५१ ३७७ १६६ २७६ १७ ११२ २६८ २६१ ४५ ५.६ १९७ ६६६ ३६ ३८० १०२

Loading...

Page Navigation
1 ... 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736