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तस्भावना
(४) असि मा उ सा = ५ अक्षरी मंत्र ! (५) अरहंत = ४ अक्षरी मंत्र । (६) सिद्ध, सोहं, ॐ
अक्षरी
(७) १ अक्षरी मंत्र ।
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अ (अरहंत ) + अ ( अशरीर या सिद्ध) + आ (आचार्य) + उ ( उपाध्याय) +म् (मुनि या साधु) ओम् या ॐ ।
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ध्यान के लिए विशेष विचार
(१) काल का विचार - ध्यान करनेके लिए प्रातः काल, मध्याह्नकाल व सायंकाल तीन समय ठीक है । छः छः घड़ी हर समय ध्यान का समय है । जब सवेरा हो उससे तीन घड़ी पहले से तीन घड़ी बाद तक दोपहरको तीन घड़ो पहले से तीन घड़ी बाद तक संध्या को तीन घड़ी पहले से तीन घड़ी बाद तक । एक घड़ी २४ मिनट की होती है इसलिए छ: घड़ी २ घंटे २४ मिनट की हुई । यदि ध्यान छः घड़ी करना हो तो इस तरह वर्ते । यदि ४ घड़ी ही ध्यान करना हो तो दो घड़ी इधर से दो घड़ी उधर तक लेले । यदि २ घड़ी ही करना हो तो १ घड़ी पहले से १ घड़ी बाद तक ले । यह उत्तम विधि है । मध्यम यह है कि यदि छः घड़ी से कम करना हो तो यह ध्यान में रक्खे कि सूर्योदय, मध्याह्न व संध्या के समय ध्यान में बैठा हो । जघन्य यह है कि दो घड़ी या कुछ अधिक करनाहो तो हर तीन समयों मैं छ घड़ी के समय के भीतर ध्यान कर डालें। इसके सिवाय रात्रि को भी बारह बजे या अन्य किसी भी समय ध्यान किया जा सकता है ।
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