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ጥናቱ ተቅዥት ተቀጥቅተ┬=> "ኞት ተቀዋሚ ተቅዋተተ
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कर्मरूपी कमल |
मेरी आत्मा के संग आठ कर्म अनंत काल मे लगे हैं। ही मेरे ज्ञान को ढकते हैं। मैं उनको कमल के रूप में एकत्र कर हृदय-स्थान में स्थापन कर भावना रूपी ध्यान की अग्लि में
जलाना चाहता हूँ।
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322-3
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