Book Title: Swami Kartikeyanupreksha
Author(s): Jaychandra Pandit
Publisher: Bharatiya Jain Siddhant Prakashini Samstha

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Page 10
________________ विषयसूची। मंगलाचरण अनुप्रेक्षाओंके नाम मध्रुवानुप्रेक्षा अशरणानुप्रक्षा संसारानुप्रेक्षा अठारह नातेकी कथा एकत्वानुप्रेक्षा अन्यत्वानुप्रेक्षा अशुचित्वानुमक्षा आसवानुप्रेक्षा संवरानुप्रेक्षा निर्जरानुप्रेक्षा लोकानुप्रेक्षा बोधदुर्लभानुप्रेक्षा धर्मानुप्रेक्षा. वारह तपोका कथन अंत मंगल व वक्तव्य १४९ १५६ २५२

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