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महान विभूति के साथ बीते क्षण
-शासन प्रभावक सरीश्वर जी पू. आचार्य देव श्रीमद् विजयलब्धि सूरीश्वर जी म. अनेक दिव्य शक्तियों के स्वामी थे जिन्होंने अनेक विध तरीके से जिन शासन की सुन्दर प्रभावना की।
आचार्य विजय जम्बूसूरि
- पवित्र मूर्ति मानवीय सद्गुणों से विभूषित आचार्य भगवंत श्रीमद् लब्धि सूरीश्वर जी समता एवं उदारता की पवित्र मूर्ति थे।
आचार्य भुवन तिलकसरि - सागरवर गंभीर पू० पाद आचार्य भगवंत श्रीमद् विजयलब्धि सूरि जी म० की विद्वत्ता सागर सी अपार व गंभीर थी जिनकी सागर पर गंभीर प्रकृति युगों-युगों तक प्रेरक रहेगी।
पं० कनक विजय गणि -गुणनी खाण लब्धि सूरीश्वर गुणनी खाण प्रातः उठीने करो गुणगान।
आचार्य जयंत सूरि - असाधारण महापुरुष कविकुलकिरीट पू० आचार्य देवेश साहित्य के असाधारण सर्जक थे। जिन्होंने शारीरिक शिथिलता के बावजूद विभिन्न भाषाओं में साहित्य रचना द्वारा ज्ञान पिपासा शांत की, वे मिलनसरिता के स्वभाव से ओत-प्रोत थे और थे लगणी प्रधान।
आचार्य विजय प्रसन्नचन्द्र सूरि अंतर चक्षु से पहचान : पूज्य आचार्यश्री विजयलब्धि सूरीश्वर जी के नाम से तथा उनकी साहित्यिक कृतियों से मैं पूर्णत: परिचित था। किन्तु दर्शन का अवसर नहीं मिला था। एक बार बम्बई प्रवास के दौरान हमारे उत्साही कार्यकर्ता हिन्दी प्रचारक श्री रावलमल जी जैन 'मणि' साथ थे। बम्बई पहुंचने के बाद एक बार उन्होंने आग्रह किया ‘भट्ट सा. चलिए मेरे गुरुदेव आचार्य लब्धिसूरि जी म.
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