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आतम में ज्योति प्रगटी, जिनकी सकल स्वरूपी ; रूपी भाव जग के जाने, जाने सभी अरूपी इंदौर ||४|| मालवभूमि मनोहर, इंदौर शहेर शोभे ;
आदि जिणंद मंदिर, भविजनके मनको लोभे
इंदौर ॥५॥
आतम कमल में जिनजी, शिव लब्धि नहि है दूरे, चरणे वसे तुम्हारे इंदौर ||६||
हारहजुर हमारे ;
(१०)
केशरियानाथ स्तवन
मूरति है अलबेली दादा, मूरति है अलबेलि, सुंदर सूरत मोहे मनको, तीन लोक को प्यारी है, "हर आलम पर जादू डारा, सेवे आलम सारी है; तेरा गुणवन नंदन सोहे, बुलबुल मस्ती रंगीली ... दादा ॥ १ ॥ दिवस रात है ध्यान तुम्हारा, वो ही पार करती है, दर्शन है प्रभु तारणहारा, उसकी धून निराली ... दादा ॥२॥ दुःख का सागर नाथ सुखा दो, शिवसुख की तो केलि है, देश - मेवाड़ें आप बिराजो, सुरत छैलछबीली है, श्री आदीश्वर, श्री केसरिया, लब्धिसूरि का बेली ... दादा ॥३॥ (११) शिरोही मंडन श्री आदिनाथ स्तवन सेवा करो श्री आदिप्रभुकी, सेवा करो प्रभु की, युगला धर्म थे प्रभु वारा, तुं प्रभु आदि सितारा,
तुं मेरा स्वामी में तेरा चेरा, पार करो बेड़ा मेरा;
शिवपुर का प्रभु द्वार दिखा दो, लब्धि तुं देगा, सिद्धि तुं देगा .. सेवा ॥ १ ॥
सिरोही शहेर में चौमुखजी प्यारा, तुं ही अनेक आधारा; शिवरमणीका तूं दातारा, जपुं तूं ही तूं ही प्यारा ;
दुर्गति का प्रभु द्वारा हटा दे, बुद्धि तूं देगा, ऋद्धि तूं देगा .. सेवा ||२|| आत्म- कमल में तुम को धारा, तूं मेरा दिलहारा,
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