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१२२ पिछले समय प्रो० विनोदचन्द्र श्रीवास्तव के सान्निध्य में विद्यापीठ के निदेशक के साथ हई बैठक के फलस्वरूप २४ जुलाई की शाम को डॉ० निसार अहमद के साथ एक बैठक हुई और उसमें प्राकृत संगोष्ठी आयोजित करने हेतु कार्यक्रम निश्चित किया गया। २७ जुलाई को प्रो० जैन नागपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा समिति की बैठक में भाग लेने वहां गये, जहां उन्होंने श्री निहालचन्द्र जैन, श्री अमरचन्द मेहता और श्री कस्तूरभाई से मिलकर तपागच्छ का इतिहास नामक पुस्तक के प्रकाशन के सम्बन्ध में सम्भावनायें खोजी और उन्हें आचार्यश्री का एक पत्र भी इस संदर्भ में दिया। श्री श्वेताम्बर जैनमंदिर की ओर से इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु अनुदान मिलने की सम्भावना है। ४ अगस्त को संस्कृत सुभाषित प्रतियोगिता का आयोजन उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री कलराज मिश्र के सानिध्य में भेलूपुर स्थित श्वेताम्बर जैन मंदिर में किया गया जिसमें संस्थान के निदेशक महोदय ने मिश्र जी से पार्श्वनाथ विद्यापीठ में पदार्पण करने का अनुरोध किया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। ३ अगस्त को संस्थान के सचिव श्री भूपेन्द्रनाथ जी जैन भूमिपूजन समारोह में भाग लेने वाराणसी पधारे और ७ अगस्त को वापस लौटे। इस बीच उन्होंने संस्थान की समग्र गतिविधियों को निकटं से देखा और सन्तोष व्यक्त किया। ११ अगस्त को उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की ओर से आयोजित प्रसिद्ध सांस्कृतिक शहरों का पुनरोत्थानवाराणसी के विशेष संदर्भ में विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने संस्थान के निदेशक स्थानीय क्लार्क होटल में गये और वहां लिखित रूप में अपने सुझाव प्रस्तुत किया। २० अगस्त को तिब्बती उच्चशिक्षा संस्थान, सारनाथ में धम्मपद पर एक संगोष्ठी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विशेष प्रतिनिधि के रूप में संस्थान के निदेशक ने प्राकृत धम्मपद पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसे बहत सराहा गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि उनके द्वारा हिन्दी और अंग्रेजी में अनूदित यह ग्रन्थ १९९० में सम्पादित होकर विस्तृत प्रस्तावना के साथ प्राकृत भारती संस्थान, जयपुर से प्रकाशित हुआ था।
२७-२९ अगस्त तक अखिल भारतीय संस्कृत पत्रकारिता राष्ट्रीय संगोष्ठी शिक्षा संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित हुई जिसमें २९ तारीख को समापन समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में संस्थान के निदेशक ने अपना विचार व्यक्त किया और पालि-प्राकृत विषय को भी संस्कृत के साथ जोड़ने का आह्वान किया। २५ अगस्त को जैन संस्थान, नरिया में एक वेदी प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ जिसमें स्याद्वाद विद्यालय के पूर्व स्नातक डॉ० अरविन्द जैन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। वे प्रो० जैन के स्यावाद विद्यालय के सहपाठी रहे। उनके आग्रह पर वे
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