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लब्धिसूरि यात्रा फल पाना, सर्व तीर्थ सिरदार, प्रभु को प्रात: प्रणाम .. सिद्धगिरि ॥६॥
(८)
बीकानेर मंडन श्री आदिजिन स्तवन बंदे आदि प्रभु गुण गाना,
कैसी मूरत अजब सूरत, प्रभु नैनों से नैन मिलाना . बंदे ॥१॥ ___ दर्शन प्रभु का है पुण्य में पाया,
दिल को लगा ज्योति जगा ; बुरे कर्मों कों जीया भगाना . बंदे ॥२॥ तत्त्व प्रभु का है ज्ञान खजाना, ...
चित्ते धरी दुःखो हरी ; नर जन्म को सफल बनान . बंदे ।।३।। शासन प्रभु का भाग्ये मिला है,
मोह मिटे कर्मों करे, फिर ज्योति से ज्योति मिलाना . बंदे ॥४॥
सिद्धगिरि ज्युं आप बिराजो,
__ दर्शन करी मुक्ति वरी, आत्म कमलमें लब्धि मिलाना . बंदे ॥५॥
इंदौर मंडन श्री आदिजिन स्तवन
इंदौर में बिराजे, आदि जिणंद राया : दर्शन जिणंद करके, हर्षे हृदय भराया . इंदौर ॥१॥
बलिहारी जिन जी तोरी, बिन हार में निभाया ; एक वर्ष तक विरागी, तपसे तपाइ काया . इंदौर ।।२।।
एक लाख पूर्व वर्षों, लगी लगन लगाया ; संजम में पूर्ण भावे, घाति कर्म भगाया . इंदौर ॥३॥
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