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शंका नवि चित्त धरिये !...xxi का शास्त्रीय समाधान वर्तमान परिस्थिति एवं भिन्न-भिन्न परम्पराओं की मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक में साध्वीजी ने जिनमन्दिर सम्बन्धी समग्र विषयों पर प्रासंगिक शंका-समाधान प्रस्तुत किए हैं।
इसके माध्यम से जिज्ञासु वर्ग को शास्त्रोक्त विधि एवं रहस्यों का ज्ञान होगा, वितर्कवादी लोगों को सम्यक तर्क की प्राप्ति होगी। मन्दिरों में बढ़ती अव्यवस्था, आशातना एवं पुजारियों पर निर्भरता के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट होगा तथा भक्ति मार्ग पर मीरा की भाँति निःशंक गमन होगा। इसी भावना के साथ साध्वी सौम्यगुणा श्री को इस जन उपयोगी सम्यक प्रयास के लिए अन्तर्मन से बहुत-बहुत साधुवाद देती हूँ। वे इसी तरह लोक कल्याण की हृदयगत भावनाओं एवं जिज्ञासाओं का समाधान करने में प्रपावत बनें, ऐसी मंगलकामना।
शासन सेविका आर्या शशि प्रभा श्री