Book Title: Shanka Navi Chitta Dharie-Shanka, Samadhan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 152
________________ सज्जन पथ के हीरे मोती - श्री संघ का मंदिर होने पर गृह मंदिर बनवाना कर्त्तव्य या आशातना? -साधु-साध्वी पूजा क्यों नहीं करते? -जीवदया और अनुकम्पा में क्या अंतर है? -वर्तमान में बढ़ रही आगी परम्परा उचित या अनुचित? - पाषाण प्रतिमा की पूजा फलदायी कैसे? -पैकेट बंद दूध से प्रक्षाल करना चाहिए या नहीं? - अष्टमी-चतुर्दशी आदि पर्व तिथि को पुष्प-फल आदि चढ़ाना या नहीं? - पूजा आदि विधि-विधानों में सामूहिक क्रिया की प्रमुखता क्यों? "पुजारियों पर बढ़ती निर्भरता से हानि अधिक या लाभ? -घंटाकर्ण सम्यक्त्वी देव हैं या मिथ्यात्वी? - अधिष्ठायक या क्षेत्रपाल देवों की स्थापना अन्य क्षेत्रों में प्रभावी कैसे? SAJJANMANI GRANTHMALA Website : www.jainsajjanmani.com,E-mail : vidhiprabha@gmail.com ISBN 978-81-910801-6-2 (XXIII)

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