Book Title: Shanka Navi Chitta Dharie-Shanka, Samadhan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 139
________________ जीव दया की राशि का उपयोग कब और कैसे? ...89 समाधान- यदि जीव दया की राशि का उपयोग योग्य स्थान पर नहीं होता हो तो तद्हेतु प्रेरणा एवं प्रयत्न करना चाहिए। अनुकम्पा की राशि एकत्रित इकट्ठा अवश्य करें परन्तु उसके निमित्त जीवदया का फंड बंद करवाना उचित नहीं है। पूजन, महापूजन आदि में भी जीव दया के टीप की छूट है अनुकम्पा की नहीं। अत: इसकी प्राथमिकता स्वयं सिद्ध हो जाती है। _ शंका- जीव दया की राशि बैंकों में जमा करके रख सकते हैं? समाधान- जीव दया की राशि बैंकों में ब्याज हेत पड़ी रहे तो संचालकों के भीषण पाप का उपार्जन होता है। बैंकों में रखी गई राशि जीव हिंसा के कार्यों में भी प्रयुक्त की जाती है तथा जीवों के दाना-पानी-रक्षा आदि की अंतराय भी लगती है। इसके परिणामस्वरूप अल्प आयुष्य, इन्द्रिय हानि, गंभीर रोग, दुर्गति, बोधिदुर्लभता आदि फल भुगतने पड़ते हैं। वर्तमान में बाजार के आर्थिक उतार-चढ़ाव को देखते हुए लगता है कि राशि का तुरंत उपयोग अधिक लाभकारी है। ब्याज में राशि जितनी नहीं बढ़ती उससे अधिक महंगाई बढ़ जाती है तथा वृद्धि के स्थान पर हानि ही होती है। अत: बैंक में ब्याज आदि पर यह राशि नहीं रखनी चाहिए। शंका- जीव दया की राशि अन्य क्षेत्रों में प्रयुक्त हो सकती है? । समाधान- जीव दया सम्बन्धी एकत्रित राशि का प्रयोग मात्र जीव दया में ही हो सकता है। यह सामान्य कोटि का द्रव्य है अत: ऊपर के सातों क्षेत्र अथवा किसी भी धार्मिक क्षेत्र एवं अनुकंपा क्षेत्र में इसका विनियोग नहीं कर सकते। इस खाते का द्रव्य मनुष्य को छोड़कर सभी तिर्यंच पशु-पक्षी जानवर की द्रव्य दया एवं भाव दया हेतु शास्त्रमर्यादानुसार प्रयोग कर सकते हैं। आवश्यकता होने पर अनुकंपा की राशि जीव दया हेतु प्रयुक्त की जा सकती है।

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