Book Title: Shanka Navi Chitta Dharie-Shanka, Samadhan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 114
________________ 64... शंका नवि चित्त धरिये! सूर्य ताप से दूर हो जाती है। वर्तमान में जगह की कमी, लोगों की व्यस्तता एवं शास्त्रोक्त विधि से जिनमन्दिरों का निर्माण न होने के कारण इन नियमों का पालन नहींवत होता है। शंका- पुराने अंगलूंछन वस्त्रों का क्या करना चाहिए? समाधान- संभव हो तो मूलनायक भगवान के लिए प्रतिदिन नए अंगलंछन वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए ऐसा विधान है। यह मूलनायक भगवान की सर्वोच्चयता एवं उनके प्रति बहुमान भाव को अभिव्यक्त करता है। पुराने अंगलूंछन वस्त्र मन्दिर के अन्य कार्यों हेतु प्रयोग में लिए जा सकते हैं। परंतु फटे हुए, गले हुए या एकदम पीले हो चुके अंगलूंछन वस्त्रों का उपयोग परमात्मा हेतु नहीं करना चाहिए।

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