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महावीर समाधान के वातायन में
सभी आ जाते हैं। इसलिए जाति व्यक्तिगत और आत्मगत नहीं है और धन भी शाश्वत नहीं है। अतः इन दोनों से मानव का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।
भगवान् महावीर ने एक और जो महत्त्वपूर्ण समस्या का समाधान किया, वह था नारीजाति का उद्धार, नारी को दासता से मुक्त करना । नारी दासी थी। पुरुष के पैरों की जूती थी। बहुविवाह-प्रथा ने इसे और बढ़ोतरी दी, आग में घी की तरह । पुरुष की प्रधानता ने नारी-जाति को पतन के गर्त में ढकेल दिया। कारण, 'द्वापर' में मैंने पढ़ा है :
अविश्वास हा अविश्वास ही नारी के प्रति नर का नर के तो सौ दोष क्षमा हैं
स्वामी है वह घर का ॥ किन्तु महावीर ने अपने साधना-मार्ग में जितना महत्त्व पुरुष को दिया, उतना ही महत्त्व नारी को भी दिया। और, बड़ी आस्था एवं विश्वास के साथ, बुद्ध की तरह घबराये नहीं। और, कहीं कहीं पर तो इतनी हद हो गयी कि पुरुष से भी ज्यादा श्रेष्ठता नारी को दी गई महावीर के द्वारा। अमीर को तो हर आदमी अपने गले लगा सकता है, लेकिन जो आदमी गरीबों के आँसू पोंछता है, वही आदमी करुणाद्र महावीर है, विश्व का मसीहा है। महावीर तो नारी जाति के उद्धार के लिए इतने अधिक संकल्पशील और प्रयत्नशील बने कि उन्होंने परम ज्ञान की प्राप्ति से पहले ही इसके लिए प्रयास करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने साधना-काल में इस कार्य को छोड़कर जनहित कोई काम नहीं किया था।
भगवान् महावीर के जीवन में बड़ी हृदयस्पर्शी घटना मिलती है, चन्दनबाला की। राजकुमारी थी वह, लेकिन भाग्य की विडम्बना के कारण वेश्या के हाथ बेची जाने लगी, दासी बनी, पैरों में बेड़ियाँ और हाथों में हथकड़ियाँ डाली गयीं, शिर मुंडवा दिया गया-जिस स्त्री की ऐसी दीन हालत हो गयी हो, ऐसी चन्दनबाला जैसी नारियों का महावीर ने उत्थान किया। कोई भी नहीं हुआ इस तरह से जो प्राणिमात्र के उद्धार के लिए प्रयत्न करे। महावीर गाँव-गाँव में भटके और गाँव-गाँव में जाकर विश्वकल्याण की प्रेरणा दी। दुनिया में जितने भी महापुरुष हुए, उन्होंने संसार की समस्याओं का समाधान खोजा, लेकिन महावीर ने एक-एक व्यक्ति की समस्याओं का समाधान खोजा। यदि एक-एक व्यक्ति की समस्याओं का समाधान हो गया तो सारे संसार की समस्याओं का समाधान स्वतः हो जायेगा। क्योंकि संसार व्यक्तियों का ही समूह है। व्यक्ति संसार की सबसे छोटी इकाई है।
महावीर स्वामी ने, उस युग की एक और जो सबसे बड़ी समस्या थी मानवीय परतन्त्रता की, उसका भी समाधान खोजा और उसे ईश्वरवाद से मुक्ति दिलाई।
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