Book Title: Samasya aur Samadhan
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 68
________________ पदयात्रा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में __तो प्रश्नकर्ता ने जो प्रश्न किया है कि क्या पदयात्रा का प्रतिपादन करना युक्ति संगत है ? पदयात्रा का प्रतिपादन करना निश्चित रूप से युक्ति संगत है। मैं इसलिए नहीं कहता कि मैं स्वयं पदयात्री हूँ। मैं तो सत्य बता रहा हूँ। जो सत्य है वह कह रहा हूं। मैं क्या हूँ यह नहीं बताना चाहता हूं। सत्य क्या है यह बताना चाहता हूं। यह बात अलग है कि मैं स्वयं उस सत्य का पालन करता हूँ। ज्ञात सत्य का पालन और पालित तथा आचरित सत्य का ज्ञान दोनों एक तराजू के दो पलड़े हैं। . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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