Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka

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Page 13
________________ * आमेर भंडार के ग्रन्थ * यमान संप्रति तुम्छकश्मलधियां ज्ञानं कुतः सर्वत; ।।३।। । इति श्री अनेकार्थनाममालावृत्ति संपूर्ण । ) अनेकार्थ मञ्जरी । - रचयिता' अज्ञात । भाषा हिन्दी (पद्य) पत्र संख्या २०. साइज =||५|| इञ्च । सम्पूर्ण पद्य संख्या १२२. अनेकार्थ । ___ रचयिता प्राचार्य हेमचन्द्र । भाषा संस्कृत'। पत्र संख्या ३३. साइज १०x४) इचलिपि संवत् १५५६. विषय-शब्दकोष । अमरकोश । रचयिता श्री अमरसिंह । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ५३. साइज २० इञ्च । लिपि संवत् १८०२.. प्रति नं० २ पत्र संख्या ३१. साइन ११४५ इञ्च । प्रति सटीक है। टीकाकार का कहीं पर भी नाम: नहीं लिखा हुआ है। कोश अंपूर्ण है। ३१ से आगे के पृष्ठ नहीं है। प्रति नं० ३. पत्र संख्या ४६. साइज १२॥ ६ इञ्च । कोष अपूर्ण है। केवल २ ही अध्याय हैं। प्रति नं० १. पत्र संख्या १२५. साइज ११४५ इञ्च । लिपि संवत् १८८०. लिपि स्थान तक्षकपुर । लिपिकार श्री गुमानीराम । प्रति नं० ५ पत्र संख्या १४६. साइज १०||४|| इश्च । लिपि संवत् १६२०: लिपिस्थान यगर लिपिकार भी उदयराज.! ... ... ... ... ... .. ... :: : प्रति नं०६. पत्र संख्या ३०८ साइज १०||AT इश्च। टीकाकार पं० क्षीर स्वामी लिपि संवत् १७४६. प्रति नं०७, पत्र संख्या:४२: साइन १६x४|| इञ्च । : .. प्रति नं०८, पत्र संख्या १०८: साइज १०x४|| इश्व ।।५४ से पहिले के तथा १०८ से आगेके पत्र नहीं है। पांच

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