Book Title: Nandi Sutra Tika
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Page 383
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailasagarsur Gyanmandir नदी टी. 將米諾諾器米米米米米米黑米器需諾諾器深器器端器 * तमित्यनर्थान्तर उपदेशेन हेतोपदेशनं हेबपदेशस्तेन किमुक्तं भवतिकोयं संचिव निवश्वन हेतुमुपलभ्य कालिका पदेना संचापि संभौतिव्यक्ति यते पाचार्य पाच हेतूपदेशेन संधी यस्य प्राणिनोस्ति विद्यते अभिसन्धारणं भव्यक्तनध्यक्त नवाविज्ञानेनालोचनं तत्पूर्विका तत्कारणिकाकरणशक्तिः * करणं कियातस्यां शक्तिः प्रति: मप्राचीणमिति वाक्यालङ्कारतूपदेशेन संचौतिलभ्यते एतदुक्तंभवति यो बुद्धिपूर्वक स्वदेश परिपालनार्य मिष्टे वाचारेषु वस्तुषु प्रवत्तते पनिटेभ्यश्वनिवर्तने स हेतूपदेशेन संचासचीट्रियादिरपिवेदितव्यस्तथाडीटानिष्टविषय प्रवृत्ति निति संचिंतनममनो व्यापार मंतरण * संभवति मनसा च पर्यालोचनं संचासा च हौन्द्रियादेरपि विद्यते तस्यापि प्रतिनियतेहानिविषय प्रहत्ति निवृत्ति दर्शनात् ततोहीन्द्रियादिरपि हेवपदे शेन संचालभ्यते न परमस्य सचितमं प्रायोवर्तमान कालविषयं न भतभविष्यहिषयमिति नकालिक्युपदेशेन संधी लभ्यते यस्य पुनर्नामयभिसंधारणा पूर्विका करणशक्तिः स प्राणीणमिति वाक्यालकारे हेवपदेशेनाप्य संज्ञौलभ्यते स च पृथिव्यादिरेकेन्द्रियो वेदितव्यः तस्याभिसन्धि पूर्वकमिष्टानिष्ट भिसंधारणपुध्वियाकरणसत्तौसेणसभौतिलभभद्जस्मणंनत्थि अभिसंधारणपुब्वियाकरणसत्तौसेणं असणीतौलम्भसेतं % बोल्या गौतमहतनो उपदेभ्यो ज०जेशने प० चेतना प० अव्यक्तवक्किनो आलोचको पु० तेपूर्वइकरी करावणनी संक्षिप्रवर्तिते संगीहेत करीये ती० तेव्यक्तनी मंत्रीपंचेद्रीएस पालोचनागोई ने माटे सं० संगीनेल लाभेइम कह्योज जेहनेन नहीछे पूर्वलो अ० अध्यक्त व्यक्तनो पालोचयोधार * धारवोनची पु पूर्वक करणा करावणनी संग्याते वली करवानीसक्ति नयी ते किम ते इमजेवेन्ट्रियादिक जीचचरिट्रियालगेजाणेपणिवेद्रियादिकने चितवनावर्तमानकालने विषेते नहीतथाप्रभूतघण्याकालनी धारणायोडाकालनी धारणाचितवनानहोवे तथापर्याप्ता पादिकएकेंद्रीने इटानिटनोजाण 諾諾諾諾基苯器蓋养养業署署新業署業聚苯苯基苯器: सूत्र भाषा For Private and Personal Use Only

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